पलक झपकते ही आसमान में पहुंचने वाले तेजस की खासियत जानकर रह जाएंगे दंग; देखें तस्वीरें
बेंगलुरू. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बेंगलुरु स्थित एचएएल हवाईअड्डे से तेजस लड़ाकू विमान में गुरुवार को उड़ान भरी। इसी के साथ वह स्वदेश में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) में उड़ान भरने वाले पहले रक्षा मंत्री बन गए। बता दें कि 3 साल पहले ही तेजस को इंडियन एयरफोर्स में शामिल किया गया है। अब तेजस का अपग्रेड वर्जन भी आने वाला है। इस लाइट वेट एयरक्राफ्ट को हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड ने तैयार किया है। जानें तेजस की खासियत, देखें तस्वीरें
एयरफोर्स का सबसे ताकतवर एयरक्राफ्ट तेजस पलक झपकते ही आसमान में पहुंच जाता है। इसकी स्पीड 200 किमी प्रति घंटा है। तेजस हवा से हवा में हवा से जमीन पर मिसाइल दाग सकता है।
तेजस 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। 9,5000 किलो वजन के साथ उड़ान भर सकता है। साथ ही कम ऊंचाई पर उड़ कर दुश्मन पर नजदीक से निशाना साध सकता
तेजस डर्बी और अस्त्र मिसाइल से लैस है, लेजर गाइडेड बम से हमला करने में सक्षम है। तेजस 42% कार्बन फाइबर, 43% एल्यूमीनियम एलॉय और टाइटेनियम से बनाया गया है।
इसकी लंबाई 13.20 मीटर है। ये 5,680 किलोग्राम भारी है। इसकी सुपरसोनिक रफ्तार 1.8 मेक है। तेजस की रेंज 3,000 किलोमीटर है।
ये समुद्र के ऊपर, राजस्थान के रेगिस्थान में कश्मीर और उत्तर-पूर्व के पर्वतीय इलाकों में भारत के सामने आने वाली हर चुनौती का डट कर सामना कर सकता है।
तेजस सिंगल सीटर पायलट वाला विमान है, लेकिन इसका ट्रेनर वेरिएंट 2 सीटर है, LCA तेजस को विकसित करने की कुल लागत 7 हजार करोड़ रुपए रही है।