सियासी संकट के बीच वायरल हुईं कमलनाथ सरकार के फैसलों की कुछ हेडलाइंस, महिलाओं के लिए खुलेंगी शराब की दुकानें..
नई दिल्ली. ज्योतिरादित्य सिंधिया का भाजपा में शामिल होने के बाद मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट आ गया है। विधायकों को जोड़ने-तोड़ने की कोशिश जारी है। खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए भाजपा ने अपने विधायकों को गुरुग्राम भेज दिया है तो कांग्रेस ने अपने विधायकों को जयपुर भेजा है। सिंधिया का समर्थन करने वाले विधायक बेंगलुरु में हैं। इस बीच कमलनाथ की लीडरशिप पर भी सवाल उठने लगे हैं। सवाल पूछे जा रहे हैं कि आखिर इतने दिनों से सिंधिया नाराज थे तो उनकी नाराजगी दूर करने के लिए कमलनाथ ने क्या किया? ऐसे में सीएम कमलनाथ के पुराने बयानों और फैसलों की क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
Asianet News Hindi | Published : Mar 11, 2020 3:05 PM IST / Updated: Mar 12 2020, 12:17 PM IST
कमलनाथ ने आदिवासियों को लेकर बयान दिया था। (मध्य प्रदेश में राजनीतिक संकट की शुरुआत दिग्विजय सिंह के एक बयान से हुआ। उन्होंने 3 मार्च को हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया। उन्होंने, भाजपा के नेता शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा पर कांग्रेस सरकार गिराने के लिए 25-35 करोड़ रुपए की रिश्वत देने का आरोप लगाया।)
मध्य प्रदेश के एक कलेक्टर ने यह फरमान जारी किया था। (दिग्विजय सिंह ने कहा, कांग्रेस विधायकों को दिल्ली ले जाया गया है।)
सीएए को लेकर कमलनाथ ने यह बयान दिया था। (आरोप लगा कि भाजपा ने कांग्रेस के 6, बसपा के 2 और एक निर्दलीय विधायक को गुड़गांव के आईटीसी मराठा होटल में बंधक बनाया है। इसके तुरंत बाद कांग्रेस के विधायकों के दिल्ली और फिर बेंगलुरु पहुंचने की खबरें आईं।)
मध्य प्रदेश कैबिनेट में आने वाले इस प्रस्ताव के खबर की कटिंग भी वायरल हुई थी। (मध्य प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता के बीच 9 मार्च की सुबह सीएम कमलनाथ ने सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाकात की।)
नागरिकता कानून के खिलाफ खबर की यह कटिंग काफी वायरल हुई थी। (सोनिया गांधी से मिलने के तुरंत बाद कमलनाथ ने कहा था, "मैं सोनिया गांधीजी के निर्देशों का पालन करूंगा। हमने मध्य प्रदेश में राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की।)
कमलनाथ के मंत्री का यह बयान भी वायरल हुआ। (ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ आंतरिक कलह के बारे में पूछे जाने पर कमलनाथ इस सवाल से बचते दिखाई दिए।)
कमलनाथ कैबिनेट के इस फैसले की काफी आलोचना हुई थी। (9 मार्च के करीब 3 बजे खबर आई कि कांग्रेस के 18 विधायक बेंगलुरु में हैं। उनके फोन भी बंद हैं। विधायकों के बारे में कहा गया था कि वे सिंधिया के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।)
कमलनाथ के इस फैसले की खबर की कटिंग काफी वायरल हुई थी। (9 मार्च की शाम को भोपाल में सीएम के आवास पर आपातकालीन कैबिनेट की बैठक में करीब 18 मंत्रियों ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।)
नाथ सरकार की अजीब शर्त के नाम से अखबार की यह कटिंग काफी वायरल हुई थी। (10 मार्च की सुबह ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने आवास से निकलकर सीधे गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे। इसके बाद अमित शाह के साथ पीएम मोदी के आवास पर उनसे मिलने के लिए पहुंचे।)
कैबिनेट में यह प्रस्ताव रखा गया, उससे पहले अखबार में छपी खबर की कटिंग। (पीएम के आवास पर सिंधिया की बैठक सुबह 10.45 बजे शुरू हुई।पीएम मोदी के साथ सिंधिया की एक घंटे हुई बैठकपीएम आवास पर सिंधिया, अमित शाह और पीएम मोदी के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई। लंबी बातचीत के बाद पीएम मोदी के आवास से निकले।)
अखबार की यह कटिंग काफी वायरल हुई थी। (9.58 बजे सिंधिया घर से निकले। इसके बाद पीएम मोदी से मुलाकात के बाद 11.55 बजे पीएम आवास से निकले। फिर दोपहर 12.10 बजे इस्तीफा दे दिया।)