डिटेंशन सेंटर होते क्या हैं? चीन में यहां बंद लोगों को ऐसे किया जाता है टॉर्चर

नई दिल्ली. सोशल मीडिया पर इस व्कत डिटेंशन सेंटर पर काफी चर्चा हो रही है। लगातार डिटेंशन सेंटर पर चर्चा हो रही है। हर कोई जानना चाहता है कि आखिर डिटेंशन सेंटर क्या है। ऐसे में हम आपको बताने वाले हैं कि आखिर डिटेंशन सेंटर होता क्या है? 

Asianet News Hindi | Published : Dec 24, 2019 10:09 AM IST / Updated: Dec 25 2019, 12:23 AM IST

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डिटेंशन सेंटर होते क्या हैं? चीन में यहां बंद लोगों को ऐसे किया जाता है टॉर्चर
किसी भी देश में उसके नागरिकता कानून के मुताबिक अगर किसी शख्स को नागरिकता पर संदेह पाया जाता है या वह कोई शरणार्थी और घुसपैठिया है तो उसे डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है। इस डिटेंशन सेंटर को एक तरह की जेल ही समझा जाए तो बेहतर होगा। हालांकि जेल जैसी क्रूरता नहीं होती है। दुनिया के कई देशों में शरणार्थियों के लिए डिटेंशन सेंटर बने हुए हैं, अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, अफ्रीका और फ्रांस सहित कई देशों में डिटेंशन सेंटर बने हुए हैं जहां जबरन घुस आए शरणार्थी और घुसपैठिए रखे जाते हैं।
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डिटेंशन सेंटर का पूरा एक मैन्युअल होता है जिसके तहत ये काम करते हैं। इसमें मानव अधिकारों का ध्यान रखते हुए विदेशी घोषित हो चुके लोगों को रखा जाता है, एक सामानय जिंदगी देने के लिए डिटेंशन सेंटर में सारी मूलभूत जरूरतें मुहैया करवाई जाती हैं।
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डिटेंशन सेंटर के मैन्युअल के मुताबिक, पुरुषों, महिलाओं, थर्ड जेंटर समुदाय और बच्चों का खास ख्याल रखा जाता है। खाने-पीने स्कूल और अस्पताल और मनोरंजन की सुविधाएं भी दी जाती हैं।
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किसी भी देश के डिटेंशन सेंटर में केवल घुसपैठियों को ही रखा जाता है, क्योंकि वह क्रिमिनल नहीं है इसलिए डिटेंशन सेंटर उपलब्ध करवाए जाते हैं वहीं अगर शख्स क्रिमिनल है तो टिडेंशन सेंटर की ही जेल में रखा जाता है। नागरिकता साबित न कर पाने वाले शरणार्थियों को इन सेंटर्स में सारी सुविधाएं मिलती हैं लेकिन वह उस देश के बाहरी दुनिया से रूबरू नहीं हो सकते।
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डिटेंशन सेंटर कई मंजिला इमारत की तरह होते हैं।हाल में चीन की कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन जैसे देश में डिटेंशन सेंटर में शरणार्थियों और घुसैपठियों के साथ बहुत क्रूरता की जाती है। वहां उइगर मुस्लिम शरणार्थी काफी यातना झेलते हैं। उन्हें एक कमरे में भेड़-बकरियों की तरह रखा जाता है। चीनी सैनिक इन शरणार्थियों को चीनी सभ्यता सिखाने के लिए टॉर्चर करते हैं।
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पश्चिमी देशों ने गैर-नागरिकों को हिरासत में लेने के कई कारण बताए हैं। इनमें रिजेक्ट किए गए शरणार्थियों के निर्वासन को सुनिश्चित करना शामिल है। उन्ही गैर-नागरिकों को हिरासत में लिया जाता है जो जनता को नुकसान पहुंचा सकते हैं और जिनके आवेदन नागरिकता देने के लिए रिजेक्ट कर दिए गए। इनके लिए ही डिटेंशन सेंटर बनाए गए हैं हालांकि ये किसी जेल से कम नहीं। मार्च 2017 में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की सरकार ने शरण चाहने वालों को अनिश्चित काल के लिए 20,000 नए बेड देने के तहत एक योजना की घोषणा की थी। यहा ब्रिटिश सरकार के डिटेंशन सेंटर्स के खिलाफ लोग प्रोटेस्ट करते रहते हैं।
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कुछ देशों में सख्त कानून होने के कारण डिटेंशन सेंटर के एक कमरे में कई लोगों को साथ रखा जाता है, वहां साफ-सफाई की सुविधा नहीं होती है, वहां लोग अपने किसी करीबी से बात नहीं कर सकते हैं, इंटरनेट, फोन, टीवी मनोरंजन संबंधी कोई सुविधा वहां नहीं मिलती है। आपको बाहर आने-जाने की मनाही होती है, क्योंकि आप शरणार्थी और घुसपैठिये घोषित हो चुके हैं तो आपसे देश के दूसरे लोगों को खतरा हो सकता है जिसके तहत आप संदिग्ध हैं इसलिए आप पर नजर रखी जाएगी। ये ग्रीक के डिटेंशन सेंटर की फोटो है।
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महिला और पुरूषों के लिए अलग-अलग कमरे बने होते हैं बच्चों के लिए अलग। यहां पुलिस या डिटेंशन सेंटर के लिए नियुक्त अधिकारी और गार्ड लोगों पर नजर रखते हैं। हालांकि कई डिटेंशन सेंटर में 40-45 लोगों को हैंडल करने के लिए एक ही गार्ड या अधिकारी मौजूद होता है। ये अमेरिका के एक डिटेंशन सेंटर की तस्वीर है।
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डिटेंशन सेंटर ने मौजूद होने के बाद किसी भी देश की सरकार शरणार्थियों को अपराधिक कैदियों से अलग जेल में ही रख सकती है। विदेशी रिपोर्ट में ये पाया गया कि, कई बार शरणार्थी डिटेंशन सेंटर में रहने के कारण अवसाद में चले जाते हैं। हालांकि यहां स्कूल और अस्पताल की सुविधाएं भी मिलती हैं।
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