चंडीगढ़. इसे कहते हैं कि कबाड़ की जुगाड़ से कमाल का आविष्कार करना। यह हैं 10वीं छात्र गौरव कुमार। ये गरीब फैमिली से ताल्लुक रखते हैं। गौरव जब अपने दोस्तों को बाइक पर घूमते देखते, तो उनका भी मन बाइक चलाने का होता। लेकिन उनके मां-बाप के पास इतना पैसा नहीं है कि वे 60-70 हजार रुपए खर्च करके अपने बेटे को बाइक दिला पाते। आखिरकार गौरव का दिमाग दौड़ा और उन्होंने कबाड़ से यह बाइक तैयार कर ली। इस पर महज 16 हजार रुपए खर्चा आया। उन्होंने छोटी साइकिल में कबाड़खाने में पड़ी सीटी 100 बाइक का इंजन फिट करके उसे दौड़ने के काबिल बना दिया। जानिए माइलेज...