अंग्रेजी में फिसड्डी, 30 एग्जाम में फेल..लोग बोले-तुमसे न हो पाएगा, लेकिन पीछे नहीं हटे और अब हैं IPS

संगरूर, पंजाब. लोगों ने पढ़ाई को जैसे हौवा बनाकर रख दिया है। एग्जाम में 90% के ऊपर तक मॉर्क्स लाने वाले बच्चों का आत्मविश्वास अकसर जवाब दे जाता है। उन्हें समझ नहीं आता कि भविष्य में वे क्या करेंगे? लेकिन सारा खेल एकाग्रचित्तता और हार न मानकर लगातार कोशिशें करते रहने का है। पढ़ाई में साधारण रहे..कई एग्जाम में फेल हुए..फिर भी हार नहीं मानने वाले ये युवा हैं संगरूरू के एएसपी आदित्य। ये उन लोगों के लिए प्रेरणा हैं, जो जरा-सी असफलता से टूटकर निराश हो जाते हैं। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले आदित्य उन लोगों में से हैं, जो हर हार के बाद और मजबूत होते गए। जो युवा यह समझते हैं कि अंग्रेजी के बिना भविष्य कुछ भी नहीं, उन्हें आदित्य से सीख लेनी चाहिए। इनकी अंग्रेजी कमजोर थी। लेकिन इन्होंने हिंदी भाषा के जरिये यूपीएससी क्लियर किया और IPS बने। लेकिन इससे पहले कई असफलताओं का स्वाद चखा। बैंक, टीचर, इंजीनियर और राजस्थान प्रशासनिक सेवा आदि की करीब 30 परीक्षाओं में इन्होंने अपना टैलेंट आजमाया। लेकिन हर बार फेल हुए। यूपीएससी में भी 3 बार कोई चांस नहीं लगा। लेकिन चौथी बार सफल होकर माने।
 

Asianet News Hindi | Published : Jul 20, 2020 9:10 AM IST

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अंग्रेजी में फिसड्डी, 30 एग्जाम में फेल..लोग बोले-तुमसे न हो पाएगा, लेकिन पीछे नहीं हटे और अब हैं IPS

आदित्य ने मीडिया को बताया कि 12वीं में उनके 67% मार्क्स आए थे। चूंकि वो गांव में पले-बढ़े, इसलिए अंग्रेजी अच्छी नहीं थी। उन्होंने अंग्रेजी अखबार पढ़ना शुरू किए। तब पूरा अखबार पढ़ने में 6 घंटे लग जाते थे। आदित्य कहते हैं कि अंग्रेजी से डरे नहीं। हिंदी मीडियम भी कोई समस्या नहीं है। जो युवा यह सोचते हैं कि उनकी अंग्रेजी वीक है, इसलिए वे कुछ नहीं कर सकते, ऐसा गलत है।

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आदित्य गांव छोड़कर 2013 में दिल्ली आ गए थे, ताकि तैयारी कर सकें। लेकिन 3 बार उन्हें असफलता हाथ लगी। 2017 में हिंदी मीडियम से यूपीएससी का एग्जाम दिया और 630वीं रैंक हासिल की।

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आदित्य को पंजाब कैडर मिलने मिला और पहली पोस्टिंग संगरूर में एएसपी के रूप में हुई। आदित्य कहते हैं कि वे पिछले साल ही दिसंबर में पंजाब आए हैं। वे पंजाब के मौजूदा हालत को बदलना चाहते हैं। ड्रग्स में फंसे युवा अपने भविष्य को लेकर कुछ नहीं सोचते। आदित्य युवाओं को इस चंगुल से निकालना चाहते हैं।

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आदित्य बताते हैं कि जब वे लगातार एग्जाम में फेल हो रहे थे, तब दोस्तों से लेकर रिश्तेदार सब यही कहते थे कि कोई छोटी-मोटी नौकरी कर लो। लेकिन पिता और उनके टीचर ने हमेशा हौसला बढ़ाया।

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आदित्य कहते हैं कि जिंदगी में निगेटिविटी को हमेशा दूर रखें। कोशिशें कभी बेकार नहीं जातीं। अभी आदित्य हैदराबाद स्थित नेशनल पुलिस अकेडमी में सेकेंड फेज की ट्रेनिंग ले रहे हैं। सितंबर में वे दुबारा ड्यूटी ज्वाइन करेंगे।

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