संघर्ष के साथ नये जीवन का श्रीगणेश: दूल्हा बारात लिए खड़ा था, दुल्हन अफसरों को मनाने में लगी थी

मुक्तसर, पंजाब. लॉकडाउन में शादी करना मतलब नये जीवन की शुरुआत संघर्षों के साथ करना। इस दूल्हा-दुल्हन को भी 7 फेरे के लिए करीब 8 घंटे प्रशासनिक अनुमति के लिए संघर्ष करना पड़ा। दूल्हा गुरुवार को पंजाब के मुक्तसर के मलोट से बारात लेकर राजस्थान के श्रीगंगानगर के लिए निकला था। लेकिन बॉर्डर पर बारात रोक ली गई। दरअसल, दूल्हे के पास सिर्फ पंजाब की अनुमति थी। लेकिन राजस्थान बॉर्डर से उसे आगे नहीं जाने दिया। इससे पहले गुरुवार सुबह प्रशासन ने बॉर्डर सील होने का हवाला देकर यह अनुमति भी कैंसल कर दी थी। बारात बॉर्डर पर खड़ी थी और दुल्हन घर पर परेशान। इस बीच दुल्हन खुद कलेक्ट्रेट पहुंची, तब कहीं जाकर बारात को बॉर्डर पार करने की अनुमति मिली।

Asianet News Hindi | Published : May 8, 2020 4:37 AM IST
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संघर्ष के साथ नये जीवन का श्रीगणेश: दूल्हा बारात लिए खड़ा था, दुल्हन अफसरों को मनाने में लगी थी

दूल्हा अक्षय कुमार अपनी मां तारादेवी के साथ मलोट से श्रीगंगानगर के लिए रवाना हुआ था। गुरुवार सुबह करीब 10 बजे उसे बॉर्डर पर रोक लिया गया। दूल्हे ने प्रशासनिक अनुमति दिखाई। इस पर अफसरों ने कहा कि बॉर्डर सील है, लिहाजा यह अनुमति निरस्त कर दी गई है। इसके बाद दूल्हे ने दुल्हन को कॉल करके यह बात बताई। दुल्हन अपने चाचा का लेकर सचिवालय पहुंची। वहां उसने अपनी समस्या बताई। करीब 8 घंटे की मशक्कत के बाद बारात को बॉर्डर क्रॉस करने की अनुमति दी गई। इससे पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनकी स्क्रीनिंग की। इस तरह शाम करीब 6 बजे 7 फेरे हो सके। आगे देखिए लॉकडाउन के दौरान हुईं कुछ और अजब शादियां

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पिछले दिनों अक्षय तृतीया पर भी संभवत: पहली बार हुआ कि मंडप सूने पड़े रहे, दूल्हा-दुल्हन ने 2-4 लोगों की मौजूदगी में 7 फेरे लिए। पहली तस्वीर रतलाम की है। यह कपल है चार्टर्ड नरेंद्र पिरताणी और आरती। नरेंद्र अपनी दुल्हन के लिए गहने खरीदने लुनकरण (राजस्थान) से 18 मार्च को रतलाम आए थे। इसी दौरान लॉकडाउन हो गया। लिहाजा, उन्हें अपने परिवार की गैरमौजूदगी में ससुराल में ही एक कमरे में 7 फेरे लेने पड़े। दूसरी तस्वीर में उज्जैन के महालक्ष्मीनगर निवासी दीपक जाट हैं। वे अक्षया तृतीया पर बाइक से इंदौर पहुंचे। वहां शादी करके बाइक पर बैठाकर ही दुल्हन को घर ले आए। लौटते वक्त निनौरा नाके पर दूल्हा-दुल्हन को पुलिस ने रोका। हालांकि, पूरी बात सुनने के बाद पुलिस ने दूल्हा-दुल्हन के साथ फोटो खिंचवाया और बधाई दी।

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यह शादी अहमदाबाद में हुई थी। दुल्हन सिमरन तिवारी मूलत: इंदौर के निपानिया स्थित तुलसीयाना रेसीडेंसी में रहती हैं। वे अहमदाबाद में जॉब करती हैं। 20 अप्रैल को उनका विवाह अहमदाबाद के रहने वाले एक बिजनेसमैन दिव्य गांधी से हुआ। सिमरन की मां गौरी तिवारी ने बताया कि उनकी बेटी की सगाई 9 फरवरी को हो गई थी। ऐसे में शादी टालना उचित नहीं लगा। यह अलग बात है कि वे अपनी ही बेटी की शादी में नहीं जा सकीं। 

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सूरत में 16 अप्रैल को हुई यह शादी भी लॉकडाउन के कारण अलग तरह से हुई। दूल्हा-दुल्हन ने घर की छत पर 7 फेरे लिए..वो भी सिर्फ 30 मिनट में। पूनमिया की दुल्हन पूजा बरनोता की 6 महीने पहल शादी तय हुई थी।

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यह शादी मुंबई में हुई थी। मुंबई के दूल्हे संदीप डंग ने यूपी के बरेली की दुल्हन कीर्ति नारंग से एक वेबसाइट जूम एप पर ऑनलाइन शादी की। जहां इस वर्चुअल (वीडियो के जरिए) शादी में 150 से ज्यादा बाराती और रिश्तेदार शामिल हुए। 

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यह शादी उप्र के हमीरपुर जिले के नादौन के गांव मबालघाट में हुई। दूल्हा अंकुश कुमार हमीरपुर के महल गांव में रहता है। लॉकडाउन के चलते मेहमानों को बुलाना संभव नहीं था। लिहाजा, दूल्हे ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कुछ लोगों की मौजूदगी में यह शादी की।

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