उस कुत्ते की कहानी, जिसने 9/11 अटैक के बाद 3000 घंटे तक ग्राउंड जीरो पर ड्यूटी की, यही बना उसकी मौत की वजह

Published : Sep 11, 2021, 04:27 PM ISTUpdated : Sep 11, 2021, 04:28 PM IST

न्यूयॉर्क. साल 2001 अमेरिका के लिए बहुत बुरा था। 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकी हमले में करीब 3 हजार लोगों की मौत हो गई थी। इतने बड़े आतंकी हमले के बाद कई लोग थे, जो लोगों की जान बचाने में लगे थे। लेकिन इंसानों के अलावा एक डॉग भी था, जो ग्राउंड जीरो पर करीब 3000 घंटे तक मौजूद रहा। शनिवार को आतंकी हमले को हुए 20 साल पूरे हो गए हैं। आज दुनिया हमले में मारे गए लोगों से लेकर दोषियों तक की कहानियां बता रही है। लेकिन इन सबके बीच उस कुत्ते और उसके हैंडलर की कहानी भी जानना जरूरी है। जो लोगों की जान बचाने के लिए वहां 3000 घंटे तक मौजूद रहे। ग्राउंड जीरो पर रहने की वजह से कुत्ते की हुई मौत...  

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उस कुत्ते की कहानी, जिसने 9/11 अटैक के बाद 3000 घंटे तक ग्राउंड जीरो पर ड्यूटी की, यही बना उसकी मौत की वजह

द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, उस कुत्ते का नाम एटलस था। उसके हैंडलर का नाम रॉबर्ट। दोनों टॉवर गिरने के 45 मिनट बाद ग्राउंड जीरो पर पहुंच गए। वहां वे मलबे में दबे लोगों की मदद करने, उनकी खोज करने में लग गए। वे सात महीने तक वहीं ग्राउंड जीरो पर ही रहे। वहां से नहीं गए। 

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये जोड़ी हर दिन 12 घंटे की शिफ्ट में काम करते थे। इन्होंने मई 2002 तक घटनास्थल पर हजारों बचावकर्मियों के साथ काम किया था। द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, एटलस एक बहुत छोटा कुत्ता था, जिसने हाल ही में ट्रेनिंग पूरी की थी। ऐसे में सभी को आश्चर्य हुआ कि आखिर उसने इतने लंबे समय तक ग्राउंड जीरो पर कैसे काम किया। 

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रॉबर्ट श्नेल ने बताया, उस दिन जो हुआ उसके लिए कोई भी पहले से ट्रेन नहीं था। उस वक्त को याद करते हुए श्रेल ने कहा कि घटना के बाद का पहला दिन कभी नहीं भूलता है। पहले दिन के बाद कोई भी व्यक्ति मलबे से जिंदा नहीं बचा।   

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श्रेल ने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि 1993 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बिस्फोट और 1995 ओक्लाहोमा सिटी विस्फोट के बाद ऐसा भी कुछ हो सकता है। श्नेल 25 साल की नौकरी के बाद साल 2007 में NYPD से रिटायर हो गए। 

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एटलस की कैंसर से मौत हो गई  
आठ साल की उम्र में एटलस की कैंसर से मौत हो गई। श्रेल ने बताया कि मलबे से उठा धुंआ इतना विषैला था कि उसने शायद एटलस को बुरी तरह से प्रभावित किया। शायद इसी वजह से उसे कैंसर हो गया। 

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क्या है 9/11 आतंकी हमला
9/11 को अमेरिका में आतंकवादी हमला हुआ। 2996 लोग मारे गए। हमले को अंजाम देने के लिए अल कायदा ने 19 आतंकियों को लगाया था। 4 विमान हाईजैक किए थे। 11 सितंबर सुबह 8.46 से 10.28 के बीच दो विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के टावर्स से टकराए। तीसरा पेंटागन से और चौथा विमान पेंसिलवेनिया में क्रैश हो गया था। तब जॉर्ज डब्ल्यू बुश अमेरिका के राष्ट्रपति थे।  

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