तेहरान. अमेरिका द्वारा इराक में ड्रोन हमले में ईरान के टॉप कमांडर कसीम सुलेमानी की मौत के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। ईरान का कहना है कि सही वक्त आने पर वह इसका बदला लेगा। हालांकि, ईरान ने इराक में अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट से हमला कर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। लेकिन ऐसे में अगर दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति बनती है, तो देखना होगा कि ईरान विश्व शक्ति अमेरिका के सामने कहां ठहरता है।
सैन्य क्षमता : ब्रिटेन के थिंक टैंक इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्ट्रैटिजिक स्टडीज के मुताबिक ईरान में लगभग 5 लाख 23 हजार सक्रिय सैनिक हैं। इसमें से 3.5 लाख ईरान की सेना में वहीं, इस्लामिक रिवॉल्युशनरी गार्ड्स में 1.5 लाख सैनिक हैं। उधर, अमेरिका की बात करें तो इस मामले में अमेरिका के पास दोगुने से ज्यादा यानी 12.81 लाख सैनिक हैं।
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ईरान भले ही अमेरिका के सामने कभी ना झुका हो, लेकिन टैंक और तोपों यानी थल शक्ति के मामले में भी अमेरिका से पीछे है। ईरान के पास 8 हजार 577 टैंक और तोपें हैं, वही अमेरिका के पास 6 गुना यानी 48 हजार 422 टैंक और तोपें हैं।
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अमेरिका जल शक्ति में भी ईरान से आगे है। जहां ईरान के पास 398 जहाज और पनडुब्बियां हैं, वहीं, अमेरिका के पास यह संख्या 415 है।
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ईरान एयर फोर्स के मामले में काफी पीछे है। जहां अमेरिका पर 10 हजार से ज्यादा एयर क्राफ्ट और हेलिकॉप्टर हैं, वहीं, ईरान के पास सिर्फ 512 हैं। हालांकि, उसके पास मिडिल ईस्ट में किसी भी देश में सबसे ज्यादा मिसाइलें हैं। यह बात अमेरिका ने भी माना है।
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रक्षा बजट: अमेरिका का रक्षा बजट दुनिया के किसी भी देश की तुलना में सबसे ज्यादा है। ऐसे में जहां अमेरिका अपनी सेनाओं पर हर साल 716 बिलियन डॉलर खर्च करता है, वहीं, ईरान सिर्फ 6.3 बिलियन डॉलर खर्च करता है।
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