Most Wanted आतंकी हक्कानी ने 'सुसाइड बॉम्बर्स' को 'हीरो' बताया, यूं गले मिला उनकी फैमिली से; देखिए कुछ Pics

काबुल. 15 अगस्त, 2021 अफगानिस्तान के इतिहास में एक भयंकर परिवर्तन के दौर के रूप में दर्ज रहेगा। इसी दिन तालिबान ने काबुल पर कब्जा करके अपनी सरकार बनाने का ऐलान किया था। जिस तालिबान को अमेरिका और कई देश आतंकवादी संगठन मानते रहे; वो अब आतंकवाद को पालने-पोसने का काम कर रहा है। तालिबान सरकार में गृहमंत्री बनाए गए मोस्ट वांटेड आतंकवादी सिराजुद्दीन हक्कानी (Sirajuddin Haqqani) ने सुसाइड बॉम्बर्स (Suicide Bombers) को अपना हीरो बताया है। इन लोगों ने अमेरिका और अफगानिस्तान की सेना के खिलाफ ये हमले किए थे। काबुल में भारतीय दूतावास पर जुलाई 2008 में हुए आत्मघाती हमले के लिए भारतीय और अमेरिकी अधिकारियों द्वारा हक्कानी नेटवर्क को दोषी ठहराया गया था। इस हमले में 58 लोग मारे गए थे और लगभग 150 घायल हुए थे। 
 

Amitabh Budholiya | Published : Oct 20, 2021 3:54 AM IST / Updated: Oct 20 2021, 10:02 AM IST
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Most Wanted आतंकी हक्कानी ने 'सुसाइड बॉम्बर्स' को 'हीरो' बताया, यूं गले मिला उनकी फैमिली से; देखिए कुछ Pics

पिछले 20 वर्षों में अमेरिका और अफगानों के खिलाफ तालिबान की तरफ से आत्मघाती हमले करने वालों की याद में तालिबों ने काबुल में एक कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें सिराजुद्दीन हक्कानी (Sirajuddin Haqqani) ने आत्मघाती हमलावरों के परिवारों के लिए प्लॉट और अन्य मदद देने का ऐलान किया है।

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सिराजुद्दीन हक्कानी (Sirajuddin Haqqani) ने मंगलवार को सुसाइड बॉम्बर्स (Suicide Bombers) की फैमिली से मुलाकात की। बता दें कि हक्कानी को संयुक्त राष्ट्र(UN) ने आतंकवादी घोषित कर रखा है। उसके ऊपर अमेरिका ने 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा है। अब हक्कानी ने सुसाइड बॉम्बर्स के परिजनों को इनाम के तौर पर 125 अमेरिकी डॉलर और प्लॉट देने का ऐलान किया है।

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तालिबान के आंतरिक मंत्रालय ने होटल में आयोजित इस कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। इसमें सिराजुद्दीन हक्कानी आत्मघाती हमलावरों के परिजनों से गले मिल रहा है। हालांकि इसमें हक्कानी का चेहरा ब्लर किया गया है।

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बता दें कि हक्कानी नेटवर्क (Haqqani Network) तालिबान का सबसे खतरनाक गुट कहा जाता है। इसकी नींव सिराजुद्दीन हक्कानी के पिता जलालुद्दीन हक्कानी ने रखी थी। इसमें ज्यादातर आत्मघाती हमलावर हैं।

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हक्कानी नेटवर्क में जादरान जनजाति का वर्चस्व है। इस जनजाति के लड़ाकों का काबुल-जलालाबाद से लेकर खैबर सीमा तक नियंत्रण है। अकेले काबुल की सड़कों पर इसके 6,000 से अधिक लड़ाके तैनात हैं।

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