पानी से एलर्जी हो सकती है, पढ़कर आप यही सोच रहे होंगे ना कि ऐसा नहीं हो सकता है। लेकिन हम आपको मिलवाने जा रहे हैं एक ऐसी लड़की से जिसे पानी से एलर्जी है। नहाना तो दूर उसे रोना, पसीना बहाना तक मना है।
हेल्थ डेस्क. 14 साल की लड़की बताती है कि जब वो पानी में हाथ डालती है तो लाल चकत्ते हो जाते हैं। ऐसा लगता है कि उसे गैसोलीन में भिगोया जा रहा है और किसी ने आग लगा दी है। इतना जलन और खुजली होता है। अमेरिका के मिसूरी के बुफ़ालो शहर में रहने वाली सैडी टेस्मर (Sadie Tessmer) को यह बीमारी पिछले साल के अंत में शुरू हुआ था। बारिश में जब वो भिगी तो उसकी त्वचा पर लाल चकत्ते हो गये थे।
इस बीमारी को एक्वाजेनिक अर्टिकारिया (aquagenic urticaria) कहते हैं। जो काफी रेयर डिजीज होता है। पानी से एलर्जी के अभी तक 100 से कम मामले रिकॉर्ड किए गए हैं। सैडी भी उन्हीं में से एक है। सैडी बताती हैं कि उन्हें हमेशा से तैराकी, समंदर तट पर बैठना, फुटबॉल मैच के दौरान पसीने से तरबतर होना पसंद था। लेकिन एलर्जी की वजह से सबकुछ बंद हो गया। दर्द में वो रो भी नहीं सकती हैं। उनके आंसू भी एलर्जी में बदल जाते हैं।
प्यास बुझाने के लिए सैडी करती हैं ये काम
सैडी ने ना सिर्फ अपने शौक को त्याग दिया है। बल्कि उन्होंने स्कूल भी छोड़ दिया है। घर में रहकर पढ़ाई करती हैं। स्कूल आने-जाने के दौरान या फिर शारीरिक शिक्षा के दौरान उन्हें पसीना आता है जो एलर्जी के लक्षणों को ट्रिगर करता है। इतना ही नहीं प्यास बुझाने के लिए किशोरी को एक स्ट्रॉ के जरिए पानी पीना पड़ता है। क्योंकि अगर पानी होठों को छूती है तो वहां दाना निकल आता है। इस दुलर्भ बीमारी का कोई इलाज नहीं हैं। विशेषज्ञों ने इसे लेकर चेतावनी भी दी है कि अगर वे बहुत गंभीर हो जाते हैं तो यह जीवन के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
सेना में जाने का सपना टूटा
सैडी साल 2019 से पहले एक आम इंसान की तरह थी। वो सेना में जाना चाहती थी। लेकिन उनका यह सपना भी अधूरा रह गया। क्योंकि वहां शारीरिक श्रम होता है और उससे पसीना निकलेगा। उनकी मां उन्हें घर में ही रखती हैं और घर से ही स्कूलिंग करा रही हैं। वो अपनी बेटी के सामने रोती भी नहीं क्योंकि वो भी रो देगी और उससे उसे एलर्जी हो सकती है।
सैडी बताती हैं कि जब वो नहाती हैं, हाथ धोती हैं, रोती हैं या फिर पसीना बहाती हैं तो उन्हें एलर्जी होता है। उन्हें लगता है कि कोई उनके शरीर पर पेट्रोल डालकर आग लगा दिया हो। ये इतना दर्द से भरा होता है। वो जब लोगों को अपनी बीमारी के बारे में बताती हैं तो लोग मजाक बनाते हैं। उन्हें यकीन नहीं होता है कि पानी से किसी को एलर्जी हो सकती है।
एक्वाजेनिक अर्टिकारिया क्या है
एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया त्वचा के पानी के संपर्क में आने के बाद लाल चकत्ता या दाना निकल आता है। दुनियाभर में 50 से 100 के बीच ज्ञात मरीज हैं। महिलाओं में यह बीमारी अधिक होने की आशंका होती है। यह आमतौर पर यौवन के आसपास शुरू होते हैं।
चकत्ते आमतौर पर लाल और 1-3 मिमी के पार होती हैं। ये गर्दन, छाती और बाहों पर दिखाई देते हैं।कुछ को खुजली का अनुभव भी हो सकता है।एक बार पानी निकालने के बाद, दाने आमतौर पर 30 से 60 मिनट के भीतर गायब हो जाते हैं।
एक्वाजेनिक क्यों होता है इसका स्पष्ट पता नहीं चल पाया है। लेकिन पानी में एक पदार्थ के कारण हो सकात है जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर करता है।
क्या है ट्रीटमेंट
हालांकि इसका अभी तक कोई स्थाई इलाज नहीं हैं। आमतौर पर एंटीहिस्टामाइन, यूवी लाइट ट्रीटमेंटर, स्टेरॉयड, क्रीम से पीड़ित का इलाज किया जाता है। इसके अलावा वो सोडियम बाइकार्बोनेट में स्नान करते हैं।
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