जल्द ही आ सकता है कोरोना वायरस का टीका, इस यूनिवर्सिटी के साथ शुरू हुआ रिसर्च

हैदराबाद की एक कंपनी ने कोरोना वायरस का वैक्सीन बनाने के लिए ऑस्ट्रेलिया की एक यूनिवर्सिटी के साथ मिल कर एक रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम करने की घोषणा की है।  

Asianet News Hindi | Published : Apr 8, 2020 6:53 AM IST

हेल्थ डेस्क। वैक्सीन बनाने वाली कंपनी इंडियन इम्युनोलॉजिकल लिमिटेड (IIL) ने घोषणा की है कि वह COVID-19 महामारी पर काबू पाने के लिए एक वैक्सीन विकसित करने जा रही है। इसके लिए कंपनी ऑस्ट्रेलिया की ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के साथ मिल कर रिसर्च करेगी। इससे यह उम्मीद जगी है कि कोरोना वायरस का टीका जल्दी सामने आ सकता है। कोरोना वायरस से दुनिया के ज्यादातर देश तबाह हैं। भारत में इससे अभी तक 4798 लोग संक्रमित हो चुके हैं और मरने वालों की संख्या 124 हो गई है।

रिसर्च के लिए किया समझौता
कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा है कि ऑस्ट्रेलिया की ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी से कोरोना वायरस का वैक्सीन विकसित करने के लिए समझौता किया गया है। यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट्स के साथ मिल कर कोरोना का वैक्सीन बनाने के लिए रिसर्च जाएगा। आईआईएल के एमडी डॉ. के. के. आनंद कुमार ने कहा कि कंपनी इस रिसर्च में शामिल होकर सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आईआईएल का मकसद वैक्सीन को विकसित करने के साथ उसकी सप्लाई भी करना है। 

नई तकनीक का होगा इस्तेमाल
कंपनी ने कहा है कि कोरोना वायरस का टीका विकसित करने के लिए आईआईएल और ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक नई तकनीक का इस्तेमाल करेंगे। वे कोडन डे-ऑप्टिमाइजेशन तकनीक का इस्तेमाल करके एक लाइव अटैच्ड 'सार्स-सीओवी -2 वैक्सीन' या सीओवीआईडी ​​-19 वैक्सीन विकसित करेंगे।

कैसा होगा ये वैक्सीन
मेन्जिज हेल्थ इंस्टीट्यूट, क्लीन्सलैंड में प्रोफेसर सुरेश महालिंगम ने कहा कि ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के सहयोग से विकसित किया जाने वाला यह वैक्सीन लंबे समय तक असरदार साबित होगा। यह सिंगल डोज वाला वैक्सीन होगा जो कोरोना वायरस से सेल्युलर और एंटीबॉडी इम्युनिटी को विकसित करने में सक्षम साबित हो सकेगा।

वेरो सेल प्लेटफॉर्म तकनीक से बनेगा टीका
कंपनी ने बयान में कहा है कि जल्दी ही इस वैक्सीन के सामने आने की उम्मीद है। इसके लिए लाइसेंस हासिल कर प्रशासन के सहयोग से सिंगल डोज वैक्सीनेशन का अभियान चलाना होगा। कंपनी के एमडी डॉ. के. के. आनंद कुमार ने कहा कि बड़े पैमाने पर इसके उत्पादन के लिए कंपनी वेरो सेल प्लेटफॉर्म तकनीक का इस्तेमाल करेगी।

Share this article
click me!