डिजिटल डिटॉक्स से दूर करे तनाव, पार्टनर के साथ सेक्स लाइफ को बनाए मजेदार

मोबाइल आपकी रोमांटिक लाइफ को प्रभावित कर रहा है। आप इसमें इस कदर डूबते जा रहे हैं कि साथी के साथ प्यार को भी खुलकर एन्जॉय नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में जरूरी है डिजिटल डिटॉक्स की तरफ खुद को ले जाना, ताकि बेड पर रोमांस बना रहे और तनाव भी कम हो।
 

Asianet News Hindi | Published : Oct 7, 2022 12:37 PM IST

हेल्थ डेस्क. पार्टनर के साथ या फिर अकेले... बिस्तर पर ज्यादातर लोग पोर्न या फिर सोशल मीडिया को स्क्रोल करते पाए जाते हैं। यह हमारे यौन जीवन को हानिकारक तरीके से प्रभावित कर रहा है। कई लोगों ने इसे माना भी है और डिजिटल डिटॉक्स की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं। मोबाइल किस तरह लोगों के रोमांटिक लाइफ को बर्बाद कर रहा है। आइए इसके बारे में कुछ लोगों की कहानी बताते हैं जिनका नाम गुमनाम रखा गया है।

केस -1

एक महिला बताती है कि वो मोबाइल पर पॉर्न देखने और खुद के आनंद के लिए सेक्स टॉय की इस कदर आदी हो गई थी कि वो अपने पार्टनर के साथ रूची लेना बंद कर दी थी। धीरे-धीरे मेरे अंदर अवसाद भरने लगा। जिसके बाद मैंने मोबाइल को दूर रखने का फैसला किया। रात में सोते वक्त मोबाइल को मैं खुद से दूर यानी उसे दूसरे कमरे में रखकर सोती हूं। जिसकी वजह से मैं अपने पार्टनर के साथ ज्यादा करीब महसूस करती हूं। हालांकि इस आदत से निकलने में मुझे कुछ वक्त लगा।

केस -2

वहीं, एक महिला बताती है कि मैं एक लड़के को नियमित रूप से डेट कर रही थी। हम दोनों को बस जागने और इंस्टाग्राम को स्क्रॉल करने की आदत हो गई थी। हम दोनों हर सुबह एक चादर से निकलते थे। हमारे बीच कुछ होता ही नहीं था। शुरुआत में तो कुछ अजीब नहीं लगा फिर धीरे-धीरे तनाव होने लगा। ऐसा लगा कि क्या सिर्फ एक साथ बिस्तर को शेयर करना ही रिश्ता है। इसलिए मैंने अपने प्यार और सेक्स जीवन में एक नियम लागू करने का फैसला किया। मैंने डिजिटल डिटॉक्स करने का फैसला किया।

डिजिटल डिटॉक्स क्या होता है?
डिजिटल डिटॉक्स का मतल होता है एक ऐसे वक्त जब कोई व्यक्ति अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे स्मार्टफोन का उपयोग करने से परहेज करता है। महिला बताती है कि अब मैं अगर डेट पर होती हूं तो फोन बैग में होता है। अगर मैं पार्टनर या फिर अकेले सोती हूं तो फोन दूसरे कमरे में रहता है। 

एक शोध के मुताबिक डिजिटल डिटॉक्स वास्तव में तनाव को खत्म करने और दूसरों के साथ अपने रिश्ते को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। साइबरसाइकोलॉजी बिहेवियर एंड सोशल नेटवर्किंग में प्रकाशित और बाथ विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि एक सप्ताह तक चलने वाला सोशल मीडिया ब्रेक न केवल किसी व्यक्ति की मानसिक स्वास्थ्य स्थिति को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि बहुत से लोगों को सोशल मीडिया से दूरी बनाने में भी मदद  करता है।

मोबाइल दूरी जीवन में है जरूरी

इसके साथ ही डेट्स और इंटिमेट टाइम के दौरान कम से कम अपने फोन को नजर से दूर रखने का विचार जोड़ें। आप देखेंगे कि आपकी लव लाइफ वास्तव में रंगीन हो जाती हैं। इसके अलावा डिजिटल डिटॉक्स लोगों को कई और लाभ पहुंचाते हैं। जैसे वो शांत हो जाते हैं, खुद को अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं, नींद अच्छी हो जाती है, सेक्स की इच्छा बहुत होने लगती है। 

बता दें कि एक सर्वे में पाया गया कि 61 प्रतिशत लोग रात को सोने से पहले आखिरी काम और सुबह उठने पर पहला काम अपना मोबाइल चेक करने का करते हैं। मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल अनिद्रा की समस्या पैदा कर सकता है। वहीं सोशल मीडिया अहंकार की भावना बढ़ाता है। तकनीक से घिरे होने के चलते याददाश्त पर भी असर पड़ता है। तो अगर आप भी इसमें शामिल हैं तो डिजिटल डिटॉक्स को अपनाए और खुद को हेल्दी और रोमांटिक बनाए।

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