विवाह के लिए कुंडली मिलाते समय रखा जाता है इन 8 बातों का ध्यान, जानें कब होता है नाड़ी दोष

Published : Mar 03, 2021, 01:39 PM IST
विवाह के लिए कुंडली मिलाते समय रखा जाता है इन 8 बातों का ध्यान, जानें कब होता है नाड़ी दोष

सार

हिंदू धर्म में विवाह से पहले लड़का-लड़की की जन्म कुंडली अवश्य मिलाई जाती है। इसमें किसी प्रकार का दोष न होने पर ही विवाह किया जाता है।

उज्जैन. जन्म कुंडली मिलाते समय वर्ण, वश्य, तारा, योनी, ग्रह मैत्री, गण, भकूट और नाड़ी के आधार पर वर-वधू के गुणों का मिलान किया जाता है। इसे अष्टकूट मिलान कहते हैं।

नाड़ी दोष होने से नहीं होता विवाह

अष्टकूट मिलान में सबसे ज्यादा अहम नाड़ी है। इसकी अहमियत इस बात से पता चलती है कि ज्यादा गुण मिलने के बावजूद अगर नाड़ी दोष है तो विवाह वर्जित बताया जाता है। हालांकि अगर संभावित वर और वधू की कुंडली में तीन शर्तों में से एक भी पूरी हो रही हो तो नाड़ी दोष निरस्त हो जाता है। कुंडली में चंद्रमा की नक्षत्र में स्थिति के आधार पर नाड़ी का पता चलता है। कुल नक्षत्र 27 होते हैं, इस प्रकार हर नाड़ी के 9-9 नक्षत्र होते हैं।

3 प्रकार की होती है नाड़ी

आदि या आद्य नाड़ी- ज्येष्ठा, मूल, आर्द्रा, पुनर्वसु, उत्तरा फाल्गुनी,हस्त, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद और अश्विनी नक्षत्र की गणना इस नाड़ी में की जाती है।
मध्य नाड़ी- पुष्य, मृगशिरा, चित्रा, अनुराधा, भरणी, घनिष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, पूर्वा फाल्गुनी और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र की गणना मध्य नाड़ी में होती है।
अन्त्य नाड़ी- स्वाति, विशाखा, कृतिका, रोहिणी, अश्लेषा, मघा, उत्तारषाढ़ा, श्रवण और रेवती नक्षत्रों की गणना अन्त्य नाड़ी में की जाती है।

कब होता है नाड़ी दोष?

जब लड़का-लड़की के जन्म नक्षत्र एक ही नाड़ी में आते हैं, तब यह दोष लगता है। इस दोष के चलते गुण मिलान में 8 गुणों की हानि होती है। इस दोष के लगने से विवाह को वर्जित बताया जाता है। इस दोष के बावजूद विवाह होने पर विवाह में अलगाव, मृत्यु और दुखमय जीवन की आशंकाएं होती हैं।

इन 3 स्थितियों में निरस्त हो जाता है नाड़ी दोष
 

1. यदि संभावित वर और वधू का जन्म नक्षत्र समान हो, लेकिन दोनों के चरण अलग-अलग हों तो नाड़ी दोष नहीं लगता है।
2. यदि दोनों की राशि समान हो, लेकिन जन्म नक्षत्र अलग-अलग हों तो नाड़ी दोष नहीं लगता है।
3. यदि दोनों के जन्म नक्षत्र समान हों, लेकिन राशि अलग-अलग हों तो नाड़ी दोष नहीं लगता है।

कुंडली के योगों के बारे में ये भी पढ़ें

कुंडली में सूर्य की स्थिति और पांचवे भाव से जान सकते हैं किसे हो सकती है दिल से जुड़ी बीमारियां

इन ग्रहों के अशुभ फल के कारण व्यक्ति हो सकता है गलत आदतों का शिकार

7 ग्रहों की अलग-अलग स्थिति के कारण बनते हैं ये 3 शुभ योग, बनाते हैं धनवान

कुंडली में ग्रहों की विशेष स्थिति से बनते हैं सर्प और माला योग, एक देता है शुभ फल तो दूसरा अशुभ

जन्म कुंडली के ये 4 योग व्यक्ति को जीवन भर बनाए रखते हैं गरीब और परिवारहीन

जन्म कुंडली के सातवें भाव में ग्रहों की ऐसी स्थिति बनाती है वैधव्य योग, जानिए कैसा होता है आप पर इसका असर

सूर्य और चंद्रमा से बनता है प्रीति योग, प्रणय निवेदन और प्रेम विवाह के लिए शुभ है ये योग

चंद्रमा के कारण कुंडली में बनता है ये अशुभ योग, जीवन भर बनाकर रखता है गरीब

जिस व्यक्ति की कुंडली में होता है अल्पायु योग, जवानी में हो सकती है उसकी मृत्यु, जानें कब बनता है ये योग

59 साल बाद 9 फरवरी को बनेगा अशुभ योग, बढ़ सकती है हिंसा की घटनाएं, आ सकती है प्राकृतिक आपदा

 

PREV

Recommended Stories

Aaj Ka Rashifal 6 December 2025: बुध का वृश्चिक राशि में प्रवेश, किसके लिए शुभ-किसके लिए अशुभ?
Mangal Gochar 2025: मंगल बदलेगा राशि, 5 राशि वालों पर टूटेगी मुसीबत-हर काम में मिलेगी असफलता