स्टडी:बच्चे को प्रोसेस्ड फूड नहीं...प्राकृतिक खाना आता है पसंद, देकर तो देखें

अक्सर माता-पिता की शिकायत होती है कि उनका बच्चा प्रोसेस्ड फूड ज्यादा खाता है। नेचुरल फूड को खाने से मना करता है। लेकिन बच्चों फूड हैबिट को लेकर किए गए शोध में कुछ और ही बात निकलकर सामने आई है।

लाइफस्टाइल डेस्क. बच्चों के फूड हैबिट को लेकर एक शोध किया गया। प्रोसेस्ड फूड और नेचुरल फूड को लेकर बच्चों के अंदर क्या इच्छा होती है उसका मूल्यांकन किया गया।  एडिनबर्ग और येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने सेब और संतरे के रस के साथ संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में 374 लोगों को स्टडी में शामिल किया गया। जिसमें बच्चे और वयस्क शामिल थे।

पहले स्टडी में 6 से 10 साल की उम्र के 137 बच्चों को तीन सेब दिखाए गए। उन्हें बताया गया कि एक खेत में उगाया गया है, वहीं एक को प्रयोगशाला में बनाया गया। जबकि तीसरे को प्रयोगशाला के अंदर एक पेड़ में उगाया गया है। शोधकर्ताओं ने स्वाद, सुरक्षा औक खाने की इच्छा को लेकर बच्चों के सेब की वरीयताओं का आंकलन किया। जिसमें पाया गया कि बच्चों और वयस्कों दोनों को खेत में उगाए गए सेबों को पसंद किया। बच्चों ने खेत में सेब को इसलिए चुना क्योंकि वो फ्रेश था, बाहर और धूप में पैदा हुआ था। वहीं व्यस्क ने बताया कि वो नेचुरल है।

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नेचुरल संतरे का रस भी बच्चों को आया पसंद

दूसरी स्टडी में 5 से 7 साल की उम्र के 85 बच्चों और 64 वयस्कों के समूह को चार अलग-अलग प्रकार के संतरे का रस दिया गया। एक को खते पर निचोड़ा हुआ बताया गया। एक को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। वहीं एक केमिकल से बनाया गया बताया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि रस की स्वाभाविकता की जानकारी ने इसकी रेटिंग पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला। 

जो खाना बड़े को पसंद हैं वो बच्चे को भी लगता है अच्छा
यहां भी शोध में शामिल हुए लोगों ने प्राकृतिक रूप से निचोड़ा हुआ रस पसंद किया। दोनों अध्ययनों से पता चला है कि उम्र का परिणाम पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है, पांच साल से कम उम्र के बच्चे और दस साल की उम्र के बच्चे इसी तरह प्रतिक्रिया करते हैं। जैसे बड़े देते हैं। यानी बड़े जिसे नेचुरअल फूड मानकर खाते हैं। वहीं बच्चों को उसका टेस्ट पसंद होता है। 

बचपन से ही बच्चे को नेचुरल फूड खाने की आदत डालनी चाहिए

शोधकर्ताओं का कहना है कि भोजन नेचुरल अच्छे होते हैं। पांच साल या इससे भी कम उम्र के बच्चों को प्राकृतिक भोजन की तरफ मोड़ सकते हैं। उन्हें ऐसे खाने की आदत डाल सकते हैं।

यह समझने की जरूरत है कि बच्चों में फूड हैबिट कैसे पैदा होती है

यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग के स्कूल ऑफ फिलॉसफी, साइकोलॉजी एंड लैंग्वेज साइंसेज के डॉ मैटी विल्क्स ने कहा,'कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि कम से कम संयुक्त राज्य अमेरिका में भोजन की प्राथमिकता देने की हमारी आदत प्राकृतिक भोजन बचपन में मौजूद है। यह शोध यह समझने की दिशा में पहला कदम प्रदान करता है कि ये प्राथमिकताएं कैसे बनती हैं। जिसमें यह भी शामिल है कि क्या वे सामाजिक रूप से सीखी गई है और प्राकृतिक चीजों को पसंद करने की हमारी आदत को क्या प्रेरित करती है। 

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