ये तीन गलती कर दी तो कभी नहीं बनेगी खमन ढोकला जालीदार और जूसी

Published : Nov 17, 2025, 05:14 PM IST
Khaman dhokla mistakes

सार

Khaman Dhokla Recipe Error: सर्दियों में खमन ढोकला की डिमांड बढ़ जाती है, लेकिन हर किसी से यह जूसी, स्पंजी और जालीदार नहीं बन पाती है। ऐसे में आज हम आपको उन तीन गलतियों के बारे में बताएंगे, जो आपको खमन ढ़ोकला बनाते वक्त नहीं करना है।

Soft Spongy Khaman Tips: खमन ढोकला जितना हल्का और स्पंजी लगता है, उतना ही इसके बैटर और स्टीमिंग के तरीके में ध्यान देने की जरूरत होती है। थोड़ी-सी गलती भी ढोकले को सूखा, सख्त या चिपटा बना सकता है। अगर आप भी हर बार परफेक्ट जालीदार, जूसी और फूला हुआ खमन ढोकला बनाना चाहती हैं, तो आपको बैटर तैयार करने से लेकर तड़का डालने तक कुछ खास बातों पर ध्यान देना होगा। ढोकला बनाने का राज इसमें छिपा है कि बैटर कितने सही से एक्टिव है, स्टीम कितनी बराबर मिलती है और तड़का कितना बैलेंस है। ऐसे में खमन ढोकला बनाते वक्त इन बातों को खास ध्यान दें कि इसे बनाते वक्त किन गलतियों से बचना चाहिए।

बैटर को जरूरत से ज्यादा या कम फेंटना

खमन ढोकला पूरी तरह से बैटर के एरेशन पर डिपेंड करता है। अगर बैटर को फेंटते समय आप उसे बहुत ज्यादा पतला कर देती हैं और लगातार फेंटती रहती हैं, तो उसमें बनने वाला एयर पॉकेट टूट जाता है, जिससे ढोकला जालीदार नहीं बन पाती। वहीं अगर बैटर बहुत गाढ़ा रहे या अच्छे से मिलाया न जाए तो ईनो सही तरह एक्टिव नहीं होता और ढोकला फ्लैट व भारी-सा बन जाता है। इसलिए बैटर को इतनी ही देर मिलाएं जितनी उसमें हल्की-सी स्मूदनेस आए और ईनो डालते ही बस हल्के हाथों से ऊपर से नीचे की ओर मिलाकर तुरंत स्टीम पर रख दें।

स्टीमर का तापमान गलत होना

अगर पानी पूरी तरह उबल नहीं रहा हो और आप उसी समय बैटर डाल दें, तो स्टीम की कमी के कारण ढोकला फूल नहीं पाता और जालीदार बन ही नहीं पाता। वहीं कई लोग तेज या ज्यादा आंच पर रखते हैं, जिससे ढोकला बाहर से तो सख्त हो जाता है, लेकिन अंदर से चिपचिपा रह जाता है। ढोकला हमेशा मध्यम आंच पर स्टीम होना चाहिए, जब पानी पूरी तरह उबलने लगे तभी ट्रे स्टीमर में रखें। इससे बैटर को एक साथ और बराबर स्टीम मिलती है और ढोकला हल्का, स्पंजी और पूरी तरह जालीदार बनकर तैयार होता है।

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तड़का और सिरप को ढोकले पर सही वक्त पर न डालना  

कई बार ढोकला बनने के बाद लोग उसे ठंडा होने देते हैं, और फिर तड़का डालते हैं। ऐसा करने से तड़का अंदर तक नहीं जाता और ढोकला सूखा-सा ही रहता है। ढोकला जूसी तभी बनता है जब हल्का गर्म रहते हुए उस पर चीनी- नींबू वाला पानी और तड़का डाला जाए। गर्म ढोकला जल्दी-से सिरप सोखता है, जिससे वह अंदर तक मुलायम, जूसी और स्वादिष्ट बनता है। अगर सिरप बहुत गाढ़ा या बहुत ज्यादा ठंडा हो तो ढोकला स्पंजी तो रहता है लेकिन जूसी नहीं लगता।

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