Fake vs Real: होली में मिलावटखोरों की चांदी हो जाती है। दूध, मिठाई, पनीर समेत तमाम डेयरी प्रोडक्ट में मिलावट का खतरा होता है। आइए बताते हैं कैसे इसकी पहचान कर सकते हैं।
How to Check Purity of Dairy Products: एक तरफ होली (HOLI 2025) की धूम है तो दूसरी ओर ईद (EID 2025) की तैयारी है। त्योहारों के मौसम में घर से बाजार तक खुशियों से गुलजार है। होली और ईद दोनों ही त्योहारों को दोस्ती और भाईचारा का प्रतीक माना जाता है। लोग एक दूसरे से गले मिलकर और मिठाइयां-सेवईयां खिलाकर समाज में प्यार बांटते हैं।
लेकिन इस खास मौके पर मिलावटखोरों की चांदी रहती हैं। त्योहार की जरूरत को मजबूरी समझकर ये मिलावटखोर खाने-पीने की चीजों में मिलावट कर आपकी सेहत से खिलवाड़ करते हैं। खासकर दूध, पनीर और मावा में मिलावट का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। सवाल है कैसे करें इस मिलावट की पहचान और कैसे करें अपनी सेहत की हिफाजत. आज हम आपको कुछ ऐसे आसान टिप्स बताने जा रहे हैं जिससे आप बड़ी आसानी से खाने-पीने की चीजों में मिलावट का पता लगा सकते हैं। इन आसान घरेलू तरीकों से आप न सिर्फ असली-नकली का फर्क समझ सकते हैं, बल्कि मिलावटी चीजों से अपनी सेहत को होने वाले नुकसान से भी बच सकते हैं।
अगर आपको शक है कि दूध सिंथेटिक है यानी डिटर्जेंट और साबुन वाली मिलावट है तो एक साफ बोतल में दूध डालकर जोर जोर से हिलाएं। अगर दूध में बहुत ज्यादा झाग बने और वो काफी देर तक रहे तो इसका मतलब है कि दूध में डिटर्जेंट या साबुन मिला हो सकता है।
अगर दूध में पानी की मिलावट का पता लगाना है तो दूध की कुछ बूंदें किसी चिकनी सतह पर डालें। अगर बूंदें तुरंत बहने लगे तो समझिए कि पानी मिला है, क्योंकि शुद्ध दूध की बूंदें गाढ़ी होती हैं और तेजी से नहीं फैलती।
अगर दूध में स्टार्च की मिलावट का पता लगाना हो तो आयोडीन घोल की दो-तीन बूंदें दूध में डालें। अगर दूध का रंग नीला पड़ जाए तो समझिए कि इसमें स्टार्च की मिलावट है।
दूध की तरह ही पनीर में भी सिंथेटिक या स्टार्च की मिलावट हो सकती है। इसे पहचानने का तरीका भी आसान है। पनीर को गर्म पानी में डालें। अगर पनीर टूटकर बिखरने लगे और हल्की सी गंध आए तो जान जाइए कि पनीर सिंथेटिक दूथ से बना है।
पनीर के छोटे से टुकड़े में दो-तीन बूंध आयोडीन टिंचर डालें। अगर पनीर का रंगा नीला हो जाए तो मतलब है कि स्टार्च की मिलावट है।
मावा यानी खोया में भी सिंथेटिक दूध, स्टार्च या डिटर्जेंट वाली मिलावट हो सकती है। इसकी शु्द्धता जांचने के भी आसान तरीके हैं।
अगर मावा को हथेली पर रगड़ने से वह ज्यादा चिकना लगे और साबुन जैसा महसूस हो तो उसमें सिंथेटिक मिलावट हो सकती है।
अगर मावा में आयोडीन टिंचर डालने पर रंग नीला हो जाए तो उसमें स्टार्च की मिलावट हो सकती है।
अगर मावा पानी में डालकर घोलने से झाग निकले तो समझिए कि डिटर्जेंट वाली मिलावट है।
सबसे ज्यादा मिलावट का खतरा मिठाइयों में होता है। चांदी के वर्क वाली मिठाई हो या सिंथेटिक रंग और केमिकल वाली मिठाई, बाजार में इसकी भरमार है। इसकी पहचान भी आसानी से हो सकती है।
मिठाई पर लगे चांदी के वर्क को जांचना है तो उसे उंगलियों से रगड़ें। अगर चांदी घुल जाए या उंगली पर चिपक जाए तो वह नकली है।
मिठाई का टुकड़ा सफेद कपड़े में रगड़ने पर अगर दाग लग जाए तो उसमें मिलावटी रंग हो सकता है।
इसी तरह ज्यादा चमकदार और तेज गंध वाली मिठाई में केमिकल मिले हो सकते हैं।