पेट के बिना सालों से ऐसे जिंदा ये लड़की! 50 की उम्र में Natasha Diddee की हुई मौत

Gutless foodie blogger death: Thegutlessfoodie के नाम से पॉपुलर नताशा दीदी अब इस दुनिया में नहीं हैं। बिना पेट के भी फूड ब्लॉगर बन दुनियाभर में नाम कमाने वालीं नताशा के मशहूर अस्तित्व का सम्मान सब करते हैं।

फूड डेस्क : दुनियाभर में खूब लोकप्रिय फूड ब्लॉगर नताशा दीदी अब इस दुनिया में नहीं हैं। बहुत दुख के साथ आपको बताना पड़ रहा है कि नताशा दीदी का 24 मार्च को पुणे में निधन हो गया है। Thegutlessfoodie के नाम से पॉपुलर नताशा के स्ट्रगल से हर कोई वाकिफ है। बिना पेट के भी फूड ब्लॉगर बन दुनियाभर में नाम कमाने वालीं नताशा के मशहूर अस्तित्व का सम्मान सब करते हैं। जानकारी के मुताबिक तनाव के कारण नताशा का पेट खराब हो गया था। यहां तक कि उनका इंस्टाग्राम हैंडल thegutlessfoodie खूब फेमस रहा है। नताशा की मौत की खबर उनके पति ने दी है। 

पति ने दी निधन की जानकारी

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सोशल मीडिया पर निधन की जानकारी देते हुए नताशा के पति ने लिखा- ‘बहुत दुख और पीड़ा के साथ मैं अपनी पत्नी नताशा दीदी उर्फ द गटलेस फूडी के दुखद निधन की घोषणा करने के लिए मजबूर हूं। हमने उसे 24 मार्च, 2024 की सुबह खो दिया है। मैं यह भी जानता हूं कि उसे अपने फॉलोअर्स के साथ सीधा बातचीत करना पसंद था और वह हमेशा यह महत्वपूर्ण समझती थी कि जो कोई भी उससे संपर्क करता था, उसे रिप्लाय देने का प्रयास करती थी। कई वर्षों तक इवेंट्स और हमारी यात्राओं के दौरान अपने फॉलोवर्स से मिलकर नताशा ने बहुत आनंद लिया। साथ ही उनकी फूफू फूड रेसिपी दुनियाभर में फेमस हुई। लगभग 20 साल मुझे अपने जीवन साथी के रूप में उनका प्यार मिला। उनके इंस्टाग्राम अकाउंट को जीवित रखा जाएगा।'

 

इस वजह से हटा दिया गया था नताशा का पेट

लंबे समय तक तनाव में रहने के कारण नताशा के पेट में ट्यूमर हो गया था और ट्यूमर को फैलने से रोकने के लिए उनका पेट हटा दिया गया था। पेट निकालना, जिसे गैस्ट्रेक्टोमी के रूप में जाना जाता है, पेट के ट्यूमर के इलाज के लिए की जाने वाला एक ऑपरेशन प्रोसेस है। ऐसे मामलों में जहां ट्यूमर हैं और बड़े पैमाने पर नहीं फैला है, केवल इफेक्टिव हिस्से को हटाकर आंशिक गैस्ट्रेक्टोमी पर्याप्त हो सकती है। हालांकि, यदि ट्यूमर बड़े पैमाने पर या आक्रामक हैं, तो पूरे पेट को हटाकर गैस्ट्रेक्टोमी आवश्यक हो जाती है। 

प्रक्रिया के दौरान, जब संभव हो तो आस-पास के अंगों को सेफ करते हुए सर्जन सावधानीपूर्वक रोगग्रस्त टिश्यू को हटा देता है। गैस्ट्रेक्टोमी के बाद, रोगियों को पेट की खोई कार्यप्रणाली की भरपाई के लिए डाइट मोडिफिकेशन और न्यूट्रीशन संबंधी हेल्प की आवश्यकता हो सकती है। इसमें पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल और नियमित निगरानी महत्वपूर्ण है।

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