अबॉर्शन के चक्कर में मौत के मुंह में पहुंची विदेशी महिला, जानें US की सच्चाई

Texas Abortion Case: संयुक्त राज्य अमेरिका में एक कठोर गर्भपात विरोधी रुख को लेकर अब 36 वर्षीय ज़ुरावस्की लड़ाई लड़ रही हैं। हिलाकर रख देगी टेक्सास की महिला अमांडा की कहानी।

हेल्थ डेस्क: टेक्सास की रहने वाली अमांडा जुरावस्की की कहानी कोई नहीं भूल सकता है। ये वो महिला है जो गर्भपात के इंतजार में लगभग मरने वाली थी और अजीब बात तो ये थी वो इस बच्चे को नहीं गिराना चाहती थी। दरअसल अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछली गर्मियों में गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को पलटने के कुछ सप्ताह बाद अमांडा जुरावस्की को डॉक्टरों ने कहा कि वे कानूनी रूप से उस प्रक्रिया को पूरा नहीं कर सकते, जिसकी उन्हें जरूरत थी। ऐसे में अमांडा जुरावस्की को तब तक इंतजार करना पड़ा जब तक कि गर्भ में पल रहा बच्चे उनको पर्याप्त बीमार ना कर दे और अबॉर्शन की नौबत आ जाए। इस क्रिटिकल अबॉर्शन की वजह से अमांडा जुरावस्की हमेशा-हमेशा के लिए बच्चे पैदा करने का मौका गवां सकती थीं।

महिलाओं के स्वास्थ्य अधिकारों पर है अमांडा जुरावस्की की लड़ाई

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संयुक्त राज्य अमेरिका में एक कठोर गर्भपात विरोधी रुख को लेकर अब 36 वर्षीय ज़ुरावस्की लड़ाई लड़ रही हैं। वो अब अपना जीवन महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी अधिकारों को छीनने के लिए एक प्रतिगामी आंदोलन के रूप में लड़ने के लिए समर्पित कर चुकी हैं। हालांकि वह और उनके पति दूसरे बच्चे के लिए प्रयास कर रहे हैं। अमांडा का कहना है- 'वे कहते हैं कि वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि यह प्रो-लाइफ है, लेकिन मुझे समझ नहीं आता कि इसमें प्रो-लाइफ क्या है। मुझे लगभग क्यों मरना पड़ा? मेरे भविष्य के बच्चों की जान जोखिम में क्यों है?'

अबॉर्शन को लेकर बदल गए नियम

गर्भपात संयुक्त राज्य भर में चलने वाली सबसे महत्वपूर्ण फ्रैक्चर लाइनों में से एक है। यह मुद्दा 1973 में रो वी वेड में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले द्वारा कानूनी रूप से सुलझा हुआ प्रतीत हुआ, जबकि अमेरिकियों के एक स्थिर बहुमत ने जनमत सर्वेक्षणकर्ताओं से कहा था कि वे इस तरह का निर्णय लेने के लिए एक महिला के अधिकार का समर्थन करते हैं। लेकिन रूढ़िवादी और धार्मिक अधिकार पर यह बुलबुला बना रहा, उनकी आंखें हमेशा रो वी वेड को पलटने पर टिकी रहीं। पिछले साल रूढ़िवादी-प्रभुत्व वाले सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार उन्हें अपनी इच्छा दी,आधी सदी पुराने फैसले को तोड़ते हुए और राज्य-स्तरीय प्रतिबंधों और प्रतिबंधों की झड़ी लगा दी। टेक्सास में इसका मतलब है कि डॉक्टरों को गर्भपात करने से रोक दिया जाता है जब तक कि मां का जीवन खतरे में न हो।

टेक्सास की महिला अमांडा जुरावस्की की कहानी

ज़ुरावस्की और उनके पति जोश ने टेक्सास में कानूनी परिवर्तनों को अस्वीकार कर दिया, लेकिन यह नहीं सोचा कि यह उन्हें व्यक्तिगत रूप से प्रभावित करेगा। दरअसल दोनों एक परिवार शुरू करना चाहते थे। 18 महीने के फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के बाद, जब अमांडा गर्भवती हुई तो दंपति उत्साहित था। लेकिन पिछले साल अगस्त में जब हम अपनी गोद भराई की योजना बना रहे थे तो जुराव्स्की ने देखा कि कुछ गड़बड़ है। अस्पताल में डॉक्टरों ने कहा कि उसकी गर्भाशय ग्रीवा फैल गई थी। गर्भावस्था के सिर्फ 18 सप्ताह बाद उनको बताया गया था कि मिसकैरेज को टालना मुश्किल है। ऐसे में बच्चे का दिल अभी भी धड़क रहा था और टेक्सास के कानूनों ने महिला को स्वास्थ्य सेवा देने से रोक दिया, जिसकी उनको आवश्यकता थी, जो कि गर्भपात था। उस समय कानून के तहत डॉक्टर हस्तक्षेप नहीं कर सकते थे। ऐसे में मुझे पूरा तरह से बच्चे के पेट में मरने का इंतजार करना था। आखिरकार जब जुरावस्की का अबॉर्शन हुआ वो तीन दिन तक सेप्टिक सदमे में थी। उनकी गर्भावस्था के दर्दनाक नुकसान ने बहुत गहरी मानसिक पीड़ा हुई। सेप्सिस ने उसके गर्भाशय और उसके एक फैलोपियन ट्यूब पर निशान छोड़ दिया। कपल तब से आईवीएफ के कई दौर से गुजरे हैं, जिस बच्चे को वे बहुत चाहते हैं अब तक पाने में असफल रहे हैं। ज्यूरी अभी भी इस बात पर कायम है कि क्या इससे महिला की प्रजनन क्षमता और बच्चे पैदा करने की क्षमता पर स्थायी प्रभाव पड़ने वाला है?

क्या अब कभी मां बन पाएंगी अमांडा जुरावस्की?

जुरावस्की ने अपनी कहानी इस उम्मीद में बताने का फैसला किया कि वह लोगों को यह समझने में मदद कर सकती है कि उनकी कठोर वैचारिक स्थिति के कारण क्या नुकसान हो सकता है। वे उन लोगों को चित्रित करने की कोशिश करते हैं जिन्हें गर्भपात की आवश्यकता होती है। वह कहती हैं कि टेक्सास जैसी जगहें अपने गर्भपात विरोधी रुख के बारे में और अधिक कठोर हो जाती हैं, महिलाओं को नुकसान होगा। वो अब जब भी गर्भवती होने के बारे में सोचती हैं तो कैसे खुद को समझाएं की ऐसा दोबारा नहीं होगा।

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