कीटो डाइट या कीटोजेनिक डाइट उन डाइट में से एक है जिसका पालन वजन कम करने के इच्छुक लोग करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कीटो डाइट से कब्ज हो सकती है। कीटो डाइट पाचन तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है और कब्ज जैसे लक्षणों को जन्म दे सकती है।
स्टेटፐर्ल्स द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि कीटो कार्बोहाइड्रेट में कम और वसा में उच्च होने के कारण, कब्ज, दस्त जैसी समस्याएँ आम हैं। मल त्याग को नियमित बनाए रखने के लिए फाइबर जरूरी है। पर्याप्त फाइबर नहीं मिलने पर कब्ज होने की संभावना बढ़ जाती है।
कीटो डाइट लेने वालों में कब्ज होना स्वाभाविक है। कब्ज से बचने के लिए रोजाना 30-45 ग्राम फाइबर का सेवन जरूरी है। कीटो डाइट में फैट बहुत ज्यादा होता है। इसे पचाना कुछ लोगों के लिए मुश्किल होता है। अधिक चर्बी वाला भोजन पाचन क्रिया को धीमा कर सकता है और कब्ज का कारण बन सकता है। न्यूरोगैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड मोटिलिटी में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि अधिक मात्रा में संतृप्त वसा का सेवन कब्ज से जुड़ा है।
डिहाइड्रेशन कब्ज का कारण बनता है। कीटो डाइट फॉलो करने पर लोगों को ज्यादा प्यास लगती है। उच्च मात्रा में कीटोन्स डिहाइड्रेशन का कारण बनते हैं और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का कारण बन सकते हैं।
कब्ज से बचने के उपाय
1. घी खाने से कब्ज दूर होती है
2. खूब पानी पिएं।
3. फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाएं
4. हेल्दी फैट वाले फूड्स खाएं।