कश्मीर में ड्रग्स महामारी, गांजा-हेरोइन का दम फूंक रहे 10 लाख युवा? परिवार और डॉक्टर्स बुरे परेशान

Published : Jun 27, 2023, 04:24 PM IST
Drugs Epidemic in Kashmir

सार

Drugs Epidemic in Kashmir: बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में करीब दस लाख युवक-युवतियां हैं, जो तरह-तरह के नशीले पदार्थों का सेवन कर रहे हैं। हाल ही में ड्रग्स की लत के 3 बड़े मामले सामने आए हैं, जिसने मर्डर कराए कराए हैं।

हेल्थ डेस्क: सोशल मीडिया पर हाल ही में पोस्ट किए गए वीडियो में एक बुजुर्ग कश्मीरी ने अधिकारियों से मार्मिक अपील की। उसने अपने बेटे को गिरफ्तार कर लेने की अपील की है जो कि नशे के आदी है। ताकि बेटा चरस के नशे में अपने परिवार के किसी भी सदस्य या अन्य को नुकसान ना पहुंच सके। इस पिता की अपील उन परिवारों की बेबसी को दर्शाती है, जिनमें से अधिकांश अपने बच्चों को नशे से छुटकारा दिलाने में मदद नहीं कर पा रहे हैं। नशीली दवाओं का उपयोग कश्मीर में एक महामारी बन गया है। यहां उपयोगकर्ताओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है और सबसे महंगी हेरोइन सहित कई ड्राग्स उपलब्ध हैं। बूढ़े कश्मीरी पिता का अपने बेटे को लेकर डर जायज है क्योंकि कश्मीर में नशेड़ियों द्वारा आक्रामकता के मामले बढ़ हैं। पिता ने यह भी खुलासा किया कि उनके माता-पिता को उनके पोते की लत के कारण ब्रेन हेमरेज का सामना करना पड़ा है। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि यह व्यवहार नशे की लालसा, बेचैनी या अन्य संबंधित कारणों से होता है।

नशे की लत में फंसे कश्मीर के 10 लाख युवा!

जम्मू-कश्मीर में करीब दस लाख युवक-युवतियां हैं, जो तरह-तरह के नशीले पदार्थों का सेवन कर रहे हैं। यह जानकारी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 30 मार्च, 2023 को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर से सांसद न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के उत्तर में दी गई है। मंत्रालय ने कहा कि 1.08 लाख पुरुष और 36,000 महिलाएं भांग का उपयोग कर रहे हैं, 5.34 लाख पुरुष और 8,000 महिलाएं ओपिओइड का उपयोग कर रहे हैं। इतना ही नहीं 1.6 लाख पुरुष और 8,000 महिलाएं विभिन्न शामक दवाओं का उपयोग कर रही हैं। बड़ी संख्या में पुरुष और महिलाएं कोकीन, एम्फैटेमिन (एटीएस) और हेलुसीनोजेन के आदी हैं।

ड्रग्स की लत ने कराए मर्डर, 3 बड़े मामले आए सामने

29 मार्च को बारामूला में एक महिला की उसके नशेड़ी बेटे ने हत्या कर दी। 22 दिसंबर को ऐशमुकाम गांव में एक नशेड़ी बेटे ने अपनी मां और दो अन्य लोगों की हत्या कर दी, जबकि एक अन्य नशेड़ी ने पिछले साल अक्टूबर में केहरिबल में अपनी मां की हत्या कर दी। ये दोनों घटनाएं दक्षिण कश्मीर में हुई हैं। एसकेआईएमएस मेडिकल कॉलेज, बेमिना में मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. अब्दुल माजिद ने बताया- ‘हेरोइन का इंजेक्शन आज एक चुनौती है। इन रोगियों की संख्या में वृद्धि हो रही है।हेरोइन इंजेक्ट करने के लिए सीरिंज का उपयोग करने वाले नशेड़ियों में हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण भी बढ़ रहा है। यह एक जानलेवा बीमारी है।’

डॉ. माजिद ने कहा कि माता-पिता, परिवारों और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रयासों के कारण चीजें सही करने की कोशिश जारी है। साथ ही पुलिस भी ड्रग सप्लायर्स पर शिकंजा कसने में मदद कर रही है। हालांकि कश्मीर में शराब कभी भी समस्या नहीं बनी, क्योंकि यहां कि धर्म-आधारित संस्कृति में इसे सामाजिक रूप से मंजूरी नहीं देती थीं। साथ ही नशामुक्ति केंद्रों की मदद से भी इस महामारी पर शिकंजा कसा जा रहा है।

और पढ़ें-  substance abuse : अलग-अलग चीजों का करने लगे हैं नशा, तो AI के बताए रास्ते पर चलकर खुद को करें नशामुक्त

Malaria मुक्त हुआ ये देश, WHO ने की बड़ी घोषणा, जानें कब मिलती है मान्यता

PREV

Recommended Stories

Diabetes Diet: डाबिटीज रहेगा सौ प्रतिशत कंट्रोल में, बस खाने की इन आदतों में करें बदलाव
Carrort Juice: सेहत को मिलेगा तगड़ा फायदा, जब हर सुबह गाजर के जूस में मिलाकर पिएंगे ये चीजें