Oropouche Fever क्या है जिसने मचा दी है खलबली, नोट कर लें फैलने की वजह और लक्षण

Published : Jul 30, 2024, 01:41 PM IST
dengue fever

सार

ओरोपूचे बुखार (Oropouche Fever) एक उभरता हुआ वायरल संक्रमण है जो हाल के सालों में तेजी से ध्यान अट्रैक्ट कर रहा है। मध्य और दक्षिण अमेरिका से निकलकर यह फीवर दुनिया के अलग-अलग जगहों में भी फैलने लगा है। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में।

हेल्थ डेस्क.मच्छरों से फैलने वाली बीमारी डेंगू, मलेरिया और वेस्ट नील वायरस दुनिया भर में लोगों को घेर रही है। हाल में ओरोपूचे बुखार (Oropouche Fever) भी हेडलाइन में आ गया है। हाल ही में इस वायरस ने ब्राज़ील के बाहिया में दो युवतियों की मौत का कारण बनने के बाद सुर्खियां बटोरीं। ओरोपोच वायरस मुख्य रूप से मिज के काटने से फैलता है, जो एक प्रकार की छोटी मक्खी है, हालांकि मच्छर भी इसे फैला सकते हैं।

ओरोपूचे बुखार क्या है? (What is Oropouche Fever)

ओरोपूचे बुखार एक वायरल संक्रमण है जो Oropouche virus (OROV) के कारण होता है। यह वायरस बुन्याविरिडे (Bunyaviridae) परिवार के पेरेबुनिया वायरस (Orthobunyavirus) जीनस से कनेक्टेड है। यह मिज के अलावा मच्छरों के काटने से भी फैलता है।यह इसे एक आर्बोवायरस (Arbovirus) बनाता है।

ओरोपूचे बुखार के लक्षण (Symptoms of Oropouche Fever)

ओरोपूचे बुखार के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 4-8 दिन बाद दिखाई देते हैं। आइए जानते हैं इसके लक्षण-

-हाई फीवर जो अचानक शुरू होता है और कुछ दिनों तक बना रहता है।

-सिरदर्द यह आमतौर पर तीव्र होता है और माथे के हिस्से में फोकस होता है।

-मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द

-थकान

-त्वचा पर चकत्ते

-उल्टी और मिचली

-फोटोफोबिया तेज रोशनी में आंखों में जलन और असुविधा महसूस होना।

ओरोपूचे बुखार का डायग्नोसिस (Diagnosis of Oropouche Fever)

ओरोपूचे बुखार के डायग्नोसिस के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाता है। इसके अलावा एंटीबॉडी टेस्ट किया जाता है। वायरल आइसोलेशन (Viral Isolation) यह तकनीक वायरस को सीधे तौर पर अलग करने के लिए प्रयोग की जाती है।

ओरोपूचे बुखार का ट्रीटमेंट (Treatment of Oropouche Fever)

वर्तमान में ओरोपूचे बुखार के लिए कोई खास एंटीवायरल दवा नहीं है। ट्रीटमेंट लक्षण के आधार पर किया जाता है। दवाइयों के साथ-साथ मरीज को ज्यादा पानी, जूस और इलेक्ट्रोलाइट पीने के लिे कहा जाता है। जिससे शरीर में पानी की कमी ना हो। इसके अलावा अच्छी डाइट और नींद पर फोकस करने को कहा जाता है।

 

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