स्कूल बंद रहने से बढ़ रही परेशानी, अपनाएंगे ये 5 तरीके तो बच्चे व्यस्त रहने के साथ ही सीखेंगे नई बातें

कोरोना महामारी की वजह से बच्चों के स्कूल लंबे समय से बंद हैं। बच्चे भी महीनों घर में रहने की वजह से परेशान हो गए हैं। दोस्तों के साथ मेल-मुलाकात और खेलना-कूदना भी बंद हो गया है। ऐसे में, पेरेन्ट्स के साथ भी दिक्कत आ रही है। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 13, 2020 12:00 PM IST

लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना महामारी की वजह से बच्चों के स्कूल लंबे समय से बंद हैं। बच्चे भी महीनों घर में रहने की वजह से परेशान हो गए हैं। दोस्तों के साथ मेल-मुलाकात और खेलना-कूदना भी बंद हो गया है। ऐसे में, पेरेन्ट्स के साथ भी दिक्कत आ रही है। घर में बंद रहने से बच्चे चिड़चिड़े स्वभाव के होते जा रहे हैं। पहले की तरह वे खुश नजर नहीं आते। लगातार घर में रहने से वे शारीरिक रूप से भी पहले की तरह चुस्त-दुरुस्त नजर नहीं आते। लॉकडाउन का असर उनकी मानसिकता पर भी दिखाई पड़ने लगा है। एक तरह का तनाव उनमें भी नजर आने लगा है। पेरेन्ट्स के लिए यह चिंता की बात है। कुछ खास तरीके अपना कर बच्चों को व्यस्त रखा जा सकता है और ऐसी कोशिश की जा सकती है कि उनके मन पर किसी तरह का कोई नकारात्मक असर नहीं पड़े। 

1. बच्चों के लिए बनाएं रूटीन
बच्चों को व्यस्त रखने के लिए और वे रोज का काम ठीक से करते रहें, इसके लिए एक रूटीन बनाना और उसे फॉलो करवाना जरूरी है। इस रूटीन में सोने से लेकर जागने, खेलने, पढ़ाई करने और टीवी देखने तक का समय तय होना चाहिए। इससे बच्चे व्यस्त रहेंगे और उनके मन पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।

Latest Videos

2. दोस्तों से करवा सकते हैं बात
यह ठीक है कि अभी बच्चे घर से बाहर नहीं जा सकते और दोस्तों से मिल-जुल पाना संभव नहीं हो सकता, लेकिन पेरेन्ट्स चाहें तो कभी-कभार फोन पर बच्चों की बात दोस्तों से करवा सकते हैं। वीडियो कॉलिंग के जरिए  बच्चे अपने दोस्तों को देख भी सकते हैं। इससे उन्हें बेहतर महसूस होगा।

3. क्रिएटिव एक्टिविटीज में लगाएं
बच्चों के लिए कई तरह की क्रिएटिव एक्टिविटीज प्लान की जा सकती है और उन्हें उनमें शामिल किया जा सकता है। ये एक्टिविटीज कई तरह की हो सकती हैं। पेरेन्ट्स चाहें तो आर्ट एंड क्राफ्ट, ड्रॉइंग, प्लान्टेशन, क्विज, पोएट्री रिसाइटिंग जैसे कार्यक्रम बना सकते हैं। इनमें भाग लेकर बच्चे अच्छा महसूस करेंगे और उनमें क्रिएटिविटी भी बढ़ेगी।

4. इनडोर गेम
बच्चों को इनडोर गेम खेलने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा सकता है। आजकल ज्यादातर बच्चे कम्प्यूटर या स्मार्टफोन पर ऑनलाइन गेम खेलना पसंद करते हैं। इसका अच्छा असर नहीं होता। इसकी जगह बच्चे लूडो, कैरम, शतरंज जैसे खेल में समय दे सकते हैं।

5. बच्चों को दें समय
पेरेन्ट्स को चाहिए कि वे बच्चों को थोड़ा समय जरूर दें। उनके साथ बैठें, बातचीत करें और एक दोस्त की तरह पेश आएं। पेरेन्ट्स बच्चों को कोई कहानी या कविता सुना सकते हैं। वे उनसे भी कुछ सुनाने को कह सकते हैं। बच्चों से उनकी रुचि के विषयों पर बातचीत की जा सकती है। पेरेन्ट्स जब बच्चों से बातचीत करते हैं तो उन्हें अच्छा लगता है और उनका सेल्फ कॉन्फिडेंस भी बढ़ता है।   


 

Share this article
click me!

Latest Videos

कौन थी महालक्ष्मीः हेमंत से शादी-अशरफ से दोस्ती, नतीजा- बॉडी के 40 टुकड़े । Bengaluru Mahalakshmi
कौन है संजय शिदें? बदलापुर कांड के आरोपी को दी मौत, दाऊद के भाई को किया था अरेस्ट । Badlapur
दारोगा की घूस में निपट गए दीवानजी, घसीटते ले गई टीम #Shorts
आखिर क्यों 32 दिन में दोबारा जेलेंस्की से मिले PM Modi, सामने आया बड़ा प्लान
कंगना ने फिर लिया किसानों से पंगा, हिमाचल से दिल्ली तक बवाल । Kangana Ranaut