जवान होती बेटियों को दें ये 10 सीख, कभी नहीं होगी Life में फेल

टीनएज गर्ल को लेकर माता-पिता को ज्यादा सावधानी बरतनी होती है। वक्त के साथ-साथ उन्हें कुछ जरूरी सीख देना चाहिए। नहीं तो वो गलत रास्ते पर जा सकती हैं।

 

रिलेशनशिप डेस्क. 13 साल की उम्र के बाद लड़कियों में हार्मोनल बदलाव आते हैं। कई बार वो फिजिकली और मेंटली खुद में हो रहे बदलाव को समझ नहीं पाते हैं। सही तरीके से उन्हें सीख नहीं दिया गया तो कई बार अधूरे ज्ञान की वजह से वो गलत दिशा में भी चली जाती हैं। बढ़ती बेटियों के साथ माता-पिता को चाहिए कि वो उनके साथ दोस्ताना व्यवहार करें। उन्हें वो सीख दें जिससे ना सिर्फ उनका आत्म-सम्मान बढ़े बल्कि वो भविष्य की चुनौतियों का भी सामना करें।

1.आत्म-सम्मान का महत्व

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बढ़ रही बेटियों को जब पीरियड्स आता है और शरीर में परिवर्तन होता है। तो ये सब उन्हें एक श्राप की तरह नजर आता है। कई बार वो खुद को ही नहीं समझ पाती हैं। ऐसे में मां को बताना चाहिए कि पीरियड्स क्यों आता है। इससे शरीर को क्या फायदा मिलता है और कैसे इसकी वजह से हम एक नई जिंदगी इस दुनिया में ला पाते हैं। यह एक नेचुरल चीज है जिसे हर लड़की को गुजरना होता है। उसे अपने आप से प्यार करना और खुद की कद्र करना सिखाएं। तभी वो समाज में खुद के लिए सम्मान लाने के लिए लड़ेगी।

2.हार्मोनल बदलाव को लेकर दें सीख

बढ़ी उम्र में बेटियों के अंदर हार्मोनल बदलाव होते हैं। उनके स्तन का विकास होता है। उनके अंदर विपरित सेक्स के प्रति अट्रैक्शन बढ़ता है। सही वक्त पर उन्हें इसके बारे में भी बताना चाहिए। उन्हें यह बताएं कि विपरित सेक्स के प्रति अट्रैक्ट होना गलत नहीं है। लेकिन खुद पर कैसे कंट्रोल कर सकते हैं और किस उम्र में हम आगे बढ़ सकते हैं उन्हें बताएं। उन्हें पढ़ाई की अहमियत भी समझाएं, ताकि वो अपनी भावनाओं पर कंट्रोल करते हुए स्टडी में फोकस करें।

3.खुद के फैसले लेना सीखें

बेटियों को मोम की गुड़ियां बनाकर बिल्कुल ना रखें। उन्हें सिखाएं कि वे खुद के फैसले लेना सीखें और अपनी ज़िम्मेदारी खुद उठाएं। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे स्वतंत्र रूप से जीवन जी सकेंगी। इसके अलावा बेटियों को आर्थिक स्वतंत्रता की अहमियत भी सिखाएं। जब वो आर्थिक रूप से मजबूत होंगी तो अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जी सकती हैं। पैसा कमाने और बचाने की सीख दें।

4.रिश्तों में संतुलन बनाए रखें

वैसे तो बेटियां ज्यादा इमोशनल होती है और रिश्ते का सम्मान करना जानती हैं। बावजूद इसके उन्हें बढ़ती उम्र में रिश्तों में ईमानदारी और सम्मान बनाए रखने का गुण सिखाएं। दोस्ती, प्रेम और परिवार के बीच सही संतुलन बनाना आवश्यक है।

5.आत्मरक्षा का गुण

आज के दौर में बेटियों को आत्मरक्षा का गुण सिखाएं। कैसे वो समाज के अराजक तत्वों से मुकाबला कर सकती हैं। उन्हें जूड़ो-कराटा की ट्रेनिंग दें। उन्हें बताया कि जब उनके आसपास खतरा हो तो उन्हें क्या कदम उठाना चाहिए। घर या बाहर जब उनके साथ गलत हरकत करने की कोशिश की जाती है तो फिर किस तरह से इससे बाहर निकलना चाहिए। गुड टच और बैड टच की भी जानकारी दें।

6.असफलता से न घबराएं और पॉजिटिव रहें

उन्हें सिखाएं कि असफलता भी जीवन का हिस्सा है। इससे घबराने के बजाय, इसे एक सीख के रूप में अपनाएं और आगे बढ़ें।पॉजिटिव सोच जीवन में कई मुश्किलों का हल है। बेटियों को यह सिखाएं कि जीवन में कितनी भी मुश्किलें आएं, वे हमेशा पॉजिटिव नजरिया रखें।

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