समलैंगिक यौन संबंध बनाया तो यहां मिलेगी सजा-ए-मौत, अपने बच्चों के भविष्य को बचाने सख्त हुआ यह देश

युगांडा की संसद ने मंगलवार को LGBTQ के रूप में पहचान को अपराध ठहराने वाला एक कानून पारित किया। युगांडा समेत 30 से अधिक अफ्रीकी देश पहले ही समलैंगिक रिश्ते पर बैन लगा चुके हैं।

Nitu Kumari | Published : Mar 22, 2023 6:00 AM IST / Updated: Mar 22 2023, 12:02 PM IST

रिलेशनशिप डेस्क.जहां दुनिया के कई मुल्कों ने समलैंगिक रिश्ते को मंजूरी दे दी है। वहीं अफ्रीका महादेश के कई देशों ने समलैंगिकता पर बैन लगा रखा है। इसी लिस्ट में अब युंगाडा भी शामिल हो गया है। मंगलवार (21 मार्च 20233) को वहां की संसद में LGBTQ के रूप में पहचान को अपराध ठहराने वाला एक कानून पारित किया। अगर कोई समलैंगिक यौन संबंध बनाते पाया जाता है तो वो अपराध के दायरे में आएगा।

इस विधेयक में गंभीर समलैंगिकता के मामले में मौत की सजा देने का प्रावधान किया गया है। इस विधेयक से अधिकारियों को वो शक्ति मिल जाएगी जिसके जरिए वो उन लोगों पर कहर बरपाने का काम करेगी जजो पहले से ही कानूनी भेदभाव और भीड़ हिंसा का सामना कर रहे हैं। राइट्स ग्रुप ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार नया कानून केवल समलैंगिक, समलैंगिक, उभयलिंगी, ट्रांसजेंडर और क्वीर (LGBTQ) के रूप में पहचान करने वाला पहला कानून है।बता दें कि 30 से ज्यादा अफ्रीकी देशों में, जिनमें अब युगांडा भी शामिल हो गया है, समलैंगिकता पर बैन है।

अफ्रीकी राष्ट्र के पारंपरिक मूल्यों को LGBTQ से खतरा

इस नए कानून का समर्थन करने वालों का कहना है कि LGBTQ एक्टिविटी को व्यापक श्रेणई में दंडित करने की जरूरत है। ऐसे लोग पूर्वी अफ्रीकी राष्ट्र में पारंपरिक मूल्यों के लिए खतरा है। यह कानून सामान सेक्स के अलावा समलैंगिकता को बढ़ावा देने और उकसाने वालों पर भी लागू होगा। उन्हें भी कड़ी सजा मिलेगी।

गंभीर समलैंगिकता मामले में मिलेगी सजा-ए-मौत

कानून के तहत उल्लंघन के लिए गंभीर सजा का प्रावधान हैं। मौत की सजा के साथ-साथ आजीवन कारावास भी इसमें शामिल है। उग्र समलैंगिकता में 18 साल से कम उम्र के लोगों के साथ समलैंगिक यौन संबंध शामिल है या जब अपराधी एचआईवी पॉजिटिव हो। बिल पर बहस के दौरान सांसद डेविड बहती ने कहा, "जो कुछ हो रहा है, उससे हमारा निर्माता भगवान खुश है... मैं अपने बच्चों के भविष्य की रक्षा के लिए बिल का समर्थन करता हूं।यह हमारे देश की संप्रभुता के बारे में है, किसी को हमें ब्लैकमेल नहीं करना चाहिए, किसी को भी हमें डराना नहीं चाहिए।”

यूगांडा के राष्ट्रपति भी LGBTQ के खिलाफ

इस कानून पर साइन करने के लिए इसे राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी को भेजा जाएगा। हालांकि मुसेवेनी ने वर्तमान प्रस्ताव पर कोई कमेंट नहीं किया है। लेकिन वो एलजीबीटीक्यू अधिकारों का लंबे वक्त से विरोध कर रहे है। 2013 में एक एलजीबीटीक्यू विरोधी कानून पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसकी पश्चिमी देशों ने निंदा की थी।

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