सार

अतीत के दुखों से बाहर निकलना ज़रूरी है। अगर आप बदलाव से डरते हैं, पुरानी यादों से चिपके हैं, या भविष्य को नज़रअंदाज़ करते हैं, तो आपको आगे बढ़ने की ज़रूरत है।

रिलेशनशिप डेस्क. बीते हुए कल को पीछे छोड़ना एक ऐसा अहम कदम है जो मेंटल और इमोशनल हेल्थ को बनाए रखने के लिए जरूरी है। पुराने दुख, असफलताएं या पछतावे को बार-बार जीना आपकी लाइफ पर असर डाल सकता है और आगे बढ़ने की क्षमता को कम कर सकता है। जब आप अतीत से खुद को आजाद करते हैं तो नई खुशियों, अनुभवों और अवसरों के लिए जगह बनाते हैं। यहां 5 संकेत बताते हैं कि आप अतीत के जख्म से बाहर नहीं निकले हैं और निकलने की तुरंत जरूरत है।

1. बदलाव को स्वीकार करने में कठिनाई

पुराना जख्म कभी-कभी इतना गहरा होता है कि आप बदलाव को स्वीकार नहीं कर पाते हैं। लेकिन बदलाव अपनाने से आपका प्रेम खुद के प्रति बढ़ेगा। व्यक्तिगत विकास होता है। इसलिए अगर बदलाव डराने वाला लगता है, तो इसे छोटे हिस्सों में बांटकर अपनाएं। यह प्रक्रिया को आसान बनाता है।

2. बीती जिंदगी की घटनाओं से लगाव

पुराने रिश्तों से जुड़े दुख को थामे रखना आपकी तकलीफ को बढ़ा सकता है। इसलिए पुरानी जिंदगी के बारे में चर्चा करना या याद करना बंद करना होगा। खुशहाली और मानसिक शांति पाने के लिए उन यादों को छोड़ देना जरूरी है। इससे हीलिंग की प्रक्रिया शुरू होती है।

3. भविष्य को नजरअंदाज करना

पुरानी इच्छाओं और असफलताओं को पकड़कर रखना भविष्य के लिए आपकी आशाओं को कमजोर कर सकता है।अपनी ऊर्जा को नए लक्ष्यों और सपनों में लगाएं। इससे जीवन में उत्साह और संतोष बढ़ता है।

4. हीलिंग प्रक्रिया से बचाव

बीती घटनाओं को पीछे छोड़कर वर्तमान को अपनाना हीलिंग के लिए जरूरी है।अगर अकेले इस प्रक्रिया में कठिनाई हो, तो दोस्तों, परिवार, या किसी प्रोफेशनल से मदद लें।

5. हालातों की तुलना करना

अतीत के रिश्तों से वर्तमान की तुलना करना आपको अवास्तविक उम्मीदों और निराशा की ओर ले जा सकता है।हर अनुभव को उसके जैसा ही मानें और वर्तमान के पल में जिएं। अतीत को समझें लेकिन उसपर अटके नहीं रहें। अपने जीवन के लिए नए उद्देश्य तय करें।

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