रिलेशनशिप डेस्क. आज के दौर में रिश्ते निभाना कई बार मुश्किल भरा लगता है। ब्रेकअप, अफेयर्स, तलाक का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। कपल एक दूसरे पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में प्यार और इश्क से जुड़े इस रिश्ते को दोबारा परिभाषित करने की जरूरत महसूस होने लगी है। पहले शादी के बाद पति-पत्नी साथ रहते थे। लेकिन अब अब, कई कपल्स "लिव अपार्ट टुगेदर" का ऑप्शन चुन रहे हैं। नए जनरेशन में यह टर्म अब ट्रेंड कर रहा है। इसका मतलब यह नहीं है कि कपल एक दूसरे से प्यार नहीं करते हैं, बल्कि हेल्दी रिलेशनशिप के लिए अपने निजी स्पेस को भी अहमियत दे रहे हैं।
आप अपने माता-पिता, भाई-बहन, या दोस्तों से बेहद प्यार करते हैं, लेकिन उनके साथ हमेशा रहना आसान नहीं लगता। इसी तरह, पार्टनर से अलग रहना यह नहीं दिखाता है कि आपका प्यार कम है, या फिर रिश्ता कमजोर है। यह केवल यह दिखाता है कि साथ में रहते हुए लड़ने-झगड़ने से अच्छा है कि अलग रहकर रिश्ते को मजबूती दी जा सके। नौकरी पेशा कपल इस चलन को तेजी से आजमा रहे हैं।
-कपल तभी एक दूसरे से अलग रहते हैं जब आर्थिक रूप से दोनों मजबूत हैं। दोनों के एक दूसरे पर इमोशनल रूप से भले ही निर्भर रहते हैं। लेकिन आर्थिक रूप से वो खुद को स्वतंत्र रखे हैं।
-समाज इस चलन का विरोध करती है इसलिए अगर आप भी कुछ ऐसा करने की सोच रहे हैं तो फिर हिम्मत और आत्मविश्वास जरूरी है। अपने
अपने रिश्ते के लिए सही फैसला लेने का साहस होना चाहिए।
-पार्टनर पर विश्वास और खुली बातचीत होनी जरूरी है। अगर आपको अपने पार्टनर के प्यार पर भरोसा है तभी इस चलन में शामिल होइएगा। नहीं तो फिर रिश्ते में दरात पड़ते देर नहीं लगेगी।
साथ रहने की बजाय अलग रहकर रिश्ते की गहराई को अलग तरीके से महसूस किया जा सकता है। "सिरियस रिलेशनशिप" की परिभाषा सिर्फ साथ रहने तक सीमित नहीं होनी चाहिए। प्यार और साथ रहना हमेशा एक ही चीज़ नहीं होते। साथ रहने से पार्टनर की मौजूदगी का एहसास कम हो सकता है। लेकिन अलग रहकर उन्हें मिस करने का मौका मिलता है, जो रिश्ते को नई ऊर्जा देता है।
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