इससे पहले महाराज ने ग्वालियर की सड़कों पर झाड़ू लगाया था। तब उन्होंने कहा था कि वह अपने शहर को साफ-सफाई में नंबर-1 पर लाना चहाते हैं। इसलिए लोगों से अपील करता हूं कि अपने घर ही नहीं शहर को भी साफ रखें, ग्वालियर को साफ-सुथरा बनाने के लगातार प्रयास करें।
ग्वालियर : केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) इन दिनों बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। कभी वे सड़क पर उतरकर सफाई करने लग जाते हैं तो कभी मंच पर कुछ ऐसा कर जाते हैं जो सियासी चर्चा का विषय बन जाता है। शनिवार को एक बार फिर उनका एक अलग ही अंदाज देखने को मिला। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) में 'महाराज' ने कुछ ऐसा कर दिया कि हर कोई आश्चर्यचकित होकर उन्हें देखता रहा और अब राजनीतिक पंडित इसके मायने तलाशने में जुट गए हैं।
महाराज का जुदा अंदाज
दरअसल, हुआ यूं कि नगर निगम के स्वच्छता सम्मान समारोह चल रहा था। दीप प्रज्वलन से पहले सिंधिया अचानक मंच से नीचे उतर गए। जब तक लोग कुछ समझ पाते तब तक वे बबीता नाम की महिला सफाईकर्मी के पास पहुंचे। बबीता का हाथ पकड़ा और उन्हें अपने साथ मंच पर लेकर पहुंचे। वहां मौजूद हर कोई सिर्फ इस वाकये को समझने की कोशिश में लगा था कि तभी सिंधिया ने बबीता के साथ खड़े होकर पहले मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की और इसके बाद बबीता के पैर छूकर आशीर्वाद लिया और उन्हें कुर्सी पर बैठाया।
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महिला का आशीर्वाद- मुख्यमंत्री बनें महाराज
शनिवार को स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के तहत जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल सभागार में स्वच्छता दूतों का सम्मान और स्वास्थ्य परीक्षण करने को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम सफाईकर्मियों से जुड़ा था। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था। जब उन्होंने महिला सफाईकर्मी का सम्मान किया तो वो भावविभोर हो गई और उसने कहा कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि महाराज हमारे साथ इस तरह से पेश आएंगे। मैं उन्हें मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनते देखना चाहती हूं। महाराज ने जो सम्मान दिया है हम उससे बहुत खुश हैं।
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क्या है सियासी मायने
वहीं, सिंधिया का यह अंदाज सियासी पंडितों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। कहा जा रहा है कि सिंधिया महाराज वाली छवि से बाहर निकलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की तरफ जनता से जुड़ना चाहते हैं और उन्हीं की स्टाइल में अब काम करने में जुटे हैं। माना जा रहा है कि सिंधिया अपनी छवि जमीन से जुडे़ जनसेवक के रुप में करना चाहते हैं ताकि भविष्य में भाजपा (BJP) में विकल्प के तौर पर उभर सके।
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