Mumbai Police के पूर्व कमिश्नर Parambir Singh सस्पेंड, ट्रांसफर के बाद नहीं गए ऑफिस, वसूली कई केस हैं दर्ज

महाराष्ट्र के डीजीपी संजय पांडे ने परमबीर सिंह मामले में उन सभी पुलिसवालों को निलंबित करने का प्रस्ताव भेजा था जिनके ऊपर केस दर्ज है, विवेचना में उनका भी नाम है। हालांकि, फाइल को अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ने वापस भेज दिया था। इसके बाद परमबीर सिंह और एक डीसीपी को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया गया।

Asianet News Hindi | Published : Dec 2, 2021 1:15 PM IST / Updated: Dec 02 2021, 07:08 PM IST

मुंबई। महाराष्ट्र पुलिस (Maharashtra Police) के वरिष्ठ अधिकारी परमबीर सिंह (Parambir Singh) पर कार्रवाई कर दी गई है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर (Ex Police Commissioner) परमबीर सिंह को महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने गुरुवार को सस्पेंड कर दिया। सीएम उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) की मंजूरी के बाद परमबीर सिंह को सस्पेंड कर दिया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक तीन सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ऑफिस ज्वाइन किया और परमबीर सिंह के निलंबन की फाइल पर हस्ताक्षर कर उसे मंजूरी दे दी है।

पुलिस विभाग ने की थी निलंबन की संस्तुति

महाराष्ट्र के डीजीपी संजय पांडे ने परमबीर सिंह मामले में उन सभी पुलिसवालों को निलंबित करने का प्रस्ताव भेजा था जिनके ऊपर केस दर्ज है, विवेचना में उनका भी नाम है। हालांकि, पुलिस विभाग की संस्तुति की फाइल को अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) मनुकुमार श्रीवास्तव ने वापस भेज दिया था। इसके बाद परमबीर सिंह और एक डीसीपी को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया गया। जिसे कई दिन पहले गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन सीएम से अंतिम मंजूरी मिलना बाकी था। अब गुरुवार को मुख्यमंत्री ने भी निलंबन के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

परमबीर सिंह पर जबरन वसूली के चार से अधिक मामले 

सिंह पर महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कम से कम चार मामले हैं। एजेंसियों ने जब उनसे पूछताछ को बुलाया तो वह अंडरग्राउंड हो गए थे। अक्टूबर से लापता थे, जिससे अफवाहें उड़ीं कि वह देश छोड़कर भाग गए हैं। 

बीते गुरुवार को परमबीर सिंह क्राइम ब्रांच के सामने हुए पेश

सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह सामने आए। पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह बीते गुरुवार सुबह करीब 11 बजे मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच पहुंचे। इन्वेस्टिगेटिंग टीम ने देर शाम तक उनसे पूछताछ की है। 

दरअसल, परमबीर सिंह अक्टूबर महीने से ही गायब थे। वह एजेंसियों के सामने तब आए जब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी नहीं किए जाने की बात कही। सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों सुनवाई के दौरान परमबीर सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। 

मई से ही काम पर नहीं लौटे हैं 

परमबीर सिंह ने मई के बाद से काम करने की सूचना नहीं दी है। यह उस समय की बात है जब उनको शासन ने मुंबई पुलिस आयुक्त पद से ट्रांसफर कर दिया था। यह तबादला मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद हुई। वझे, प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी के एंटीलिया विस्फोटक प्रकरण का संदिग्ध था। उसे विस्फोट से डराने के मामले (अंबानी के घर के पास विस्फोटकों से भरी एक एसयूवी मिली) और बाद में व्यवसायी मनसुख हिरन की संदिग्ध मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। वझे, परम बीर सिंह के करीबी के रूप में जाना जाता है। केवल एक सहायक पुलिस निरीक्षक होने के बावजूद उनकी सीधी पहुंच पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह तक थी। सिंह को मार्च में स्थानांतरित कर दिया गया था। 

गिरफ्तारी के बाद देशमुख पर लगाए आरोप

पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह, अपने ट्रांसफर के बाद महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने पुलिस को 100 करोड़ रुपये वसूली के टारगेट का भी आरोप लगाया था। इन आरोपों के बाद मामला तूल पकड़ लिया। अनिल देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा था। भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद सीबीआई ने जांच शुरू कर दी। इसके बाद ईडी ने भी मामला दर्ज कर लिया। फिलहाल, अनिल देशमुख ईडी की हिरासत में हैं।

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