Kisan Andolan: सरकार बोली-बातचीत का रास्ता खुला है; राजनीति से बचें, लेकिन किसानों ने कराया भारत बंद

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों (Farmers protest)ने आज भारत बंद कराया है। इसका असर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और यूपी के बार्डर पर अधिक दिखाई दे रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 27, 2021 3:04 AM IST / Updated: Sep 27 2021, 11:32 AM IST

नई दिल्ली. तीन कृषि कानूनों (agricultural laws) को लागू हुए एक साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन इस मुद्दे का कोई हल नहीं निकल पाया है। आज किसानों के मोर्चो ने भारत बंद रखा है। जिन-जिन जगहों पर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वहां पर सुबह से ही पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया। बंद का असर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और यूपी के बार्डर पर अधिक देखने को मिल रहा है। अमृतसर के एक पुलिस अधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि आंदोलन के मद्देनजर सुरक्षा के बहुत पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं। रविवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कह चुके हैं कि किसानों से बातचीत का रास्ता खुला हुआ है, वे आंदोलन खत्म करें। भारत बंद पर राहुल गांधी ने tweet करके लिखा-किसानों का अहिंसक सत्याग्रह आज भी अखंड है, लेकिन शोषण-कार सरकार को ये नहीं पसंद है, इसलिए आज भारत बंद है।

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एम्बुलेंस और डॉक्टरों का छूट
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने यह बंद का आह्व़ान सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक रखा है। लोगों से पहले ही अनुरोध कर दिया गया कि लंच के बाद ही बाहर निकलें, नहीं तो जाम में फंसे रहेंगे। बंद के दौरान सिर्फ एम्बुलेंस, डॉक्टरों को या ज्यादा ज़रूरतमंदों को निकलने दिया जाएगा। दुकानदारों से भी बंद को समर्थन देने की अपील की गई थी।

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जानें कहां-क्या हाल..
हरियाणा के अंबाला में शंभू टोल प्लाजा के पास दिल्ली-अमृतसर राष्ट्रीय राजमार्ग को प्रदर्शनकारियों ने सुबह से ही बंद कर दिया था। एक प्रदर्शनकारी ने बताया-'हमने यहां सुबह 6 बजे बंद कर दिया। स्कूल या अस्पताल के लिए जाने दे रहे हैं।'

गाजीपुर सीमा पर भी किसानों के बंद का व्यापक असर देखने को मिला। उत्तर प्रदेश से गाजीपुर की ओर यातायात बंद कर दिया गया।

दिल्ली-अमृतसर राष्ट्रीय राजमार्ग हरियाणा के कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करते हुए अवरुद्ध कर दिया गया।

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इससे पहले टिकैत ने कहा था
पिछले दिनों किसान आंदोलन के नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि सरकार का कहना है कि वो 18 महीने तक और कृषि कानून लागू नहीं करेगी। इसलिए हम 6 महीन और इंतजार कर लेते हैं। टिकैत ने कहा कि गांवों की मंडियां बिकने लगी हैं। एमएसपी की कोई गारंटी नहीं है। अनाज सस्ता बिक रहा है।

सरकार बोली- बातचीत के लिए रास्ता खुला है
रविवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर(Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने एक बार फिर कहा कि किसानों से बातचीत का रास्ता खुला हुआ है, वे आंदोलन खत्म करें। तोमर ने कहा कि सरकार कृषि कानून को लेकर आपत्तियों पर विचार करने को तैयार है। किसानों का विरोध राजनीति मुद्दा नहीं बनना चाहिए।

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