मलेरिया की दवा के निर्यात को मिली मंजूरी, बोले ट्रंप- थैंक्यू PM मोदी, मदद को नहीं भुलाया जाएगा

बुधवार को ट्रंप ने एक बार फिर मोदी की सराहना करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया। ट्रंप ने कहा कि असाधारण समय में दोस्तों में घनिष्ठ सहयोग की जरूरत होती है। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर भारत और भारत के लोगों को धन्यवाद। यह भुलाया नहीं जाएगा।

Asianet News Hindi | Published : Apr 9, 2020 3:09 AM IST

वाशिंगटन. कोरोना महामारी से भयंकर तबाही के मुहाने पर खड़े अमेरिका ने भारत से मदद मांगी थी। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात को मंजूरी मिलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुशी जताते हुए भारत का आभार करते हुए कहा कि इस मदद को कभी भूलाया नहीं जा सकता है। बुधवार को ट्वीट कर ट्रंप ने भारत के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर की। उन्होंने पीएम मोदी और भारतीय लोगों का धन्यवाद करते हुए अपने ट्वीट में कहा कि भारत की इस मदद को भुलाया नहीं जाएगा।

क्या कहा ट्रंप ने?

बुधवार को ट्रंप ने एक बार फिर मोदी की सराहना करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया। ट्रंप ने कहा कि असाधारण समय में दोस्तों में घनिष्ठ सहयोग की जरूरत होती है। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर भारत और भारत के लोगों को धन्यवाद। यह भुलाया नहीं जाएगा। उन्होंने आगे कहा, '(कोरोना के खिलाफ) इस लड़ाई में न सिर्फ भारत के लोगों की मदद के लिए बल्कि मानवता की मदद में शक्तिशाली नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद।'

 

मोदी को बताया था महान 

हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात की मंजूरी मिलने के बाद ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महान बताते हुए कहा था कि वह काफी अच्छे भी है। संवाददाताओं से बातचीत में ट्रंप ने कहा था कि भारत ने दवा के निर्यात को मंजूरी दी है। भारत ने अपने नागरिकों को बचाने के लिए दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी महान हैं और बहुत अच्‍छे हैं। भारत से अभी बहुत अच्‍छी चीजें आनी बाकी हैं। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका ने कोरोना से जंग के लिए भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की 29 मिलियन डोज खरीदी है।

दो दिन में ट्रंप के बदले थे तेवर

मंगलवार को प्रेसिडेंट ट्रंप ने संकेत दिया था कि अगर भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर से प्रतिबंध नहीं हटाया तो अमेरिका कार्रवाई पर विचार कर सकता है। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का इस्‍तेमाल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जा रहा है। इससे पहले रविवार को ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस दवा के लिए गुहार लगाई थी।

मलेरिया की दवा पर भरोसा

बता दें कि वैश्विक महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस का संक्रमण विश्व के कई देशों में तेजी से फैल रहा है। इटली, स्पेन जैसे विकसित देशों की सुपर पावर देशों ने भी इस वायरस के आगे घुटने टेक दिए हैं। खुद अमेरिका की नजरें अब मदद की आस में भारत पर टिकी हैं। ट्रंप के मुताबिक कोरोना से इलाज में भी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन दवा के अच्‍छे परिणाम सामने आए हैं।

क्या है हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन?

भारत में हर साल बड़ी संख्या में लोग मलेरिया की चपेट में आते हैं, इसलिए भारतीय दवा कंपनियां बड़े स्तर पर उत्पादन करती हैं। ये दवा एंटी मलेरिया ड्रग क्लोरोक्वीन से थोड़ी अलग दवा है। यह एक टेबलेट है, जिसका उपयोग ऑटोइम्यून रोगों जैसे कि संधिशोथ के इलाज में किया जाता है, लेकिन इसे कोरोना से बचाव में इस्तेमाल किए जाने की बात भी सामने आई है।

अब यह दवा कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर सिद्ध हो रही है, तब इसकी मांग और बढ़ गई है। इस दवा का खास असर सार्स-सीओवी-2 पर पड़ता है। यह वही वायरस है जो कोविड-2 का कारण बनता है। और यही कारण है कि हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के टेबलेट्स कोरोना वायरस के मरीजों को दिए जा रहे हैं।
 

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