ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के दो दिन बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने पहुंचे। जब वह राज्यपाल से मिलने जा रहे थे, उस दौरान उनका बॉडी लैंग्वेज काफी कुछ कह रहा था।
भोपाल. ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के दो दिन बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने पहुंचे। जब वह राज्यपाल से मिलने जा रहे थे, उस दौरान उनका बॉडी लैंग्वेज काफी कुछ कह रहा था। वह गाड़ी के अंदर से ही विक्ट्री साइन दिखा रहे थे। चेहरे पर खुशी थी। कमलनाथ का बॉडी लैग्वेज देखकर कहीं से यह नहीं लग रहाा था कि उनकी सरकार पर कोई संकट है। बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 मार्च को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद से कयास लगाए जाने लगे कि कमलनाथ सरकार गिर जाएगी, क्योंकि सिंधिया के समर्थन में 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने अभी इस्तीफा मंजूर नहीं किया है।
राज्यपाल को सौंपा पत्र, कहा- विधायकों की रिहाई सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। इस दौरान कमलनाथ ने राज्यपाल को एक पत्र सौंपा, जिसमें भाजपा द्वारा विधायकों पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया गया है और राज्यपाल से अनुरोध किया गया कि वे बेंगलुरु में कैद में रखे गए विधायकों की रिहाई सुनिश्चित करें।
कोरोना वायरस पर बाद में देखा जाएगा : सिंधिया
राज्यपाल से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने मीडिया के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा, फ्लोर टेस्ट राज्यपाल के भाषण पर होगा। बजट पर होगा। लेकिन यह तभी संभव है। जब 22 विधायकों को क्लियर कर लें। अगर यह बात सही होती तो यह 22 को मीडिया के सामने ले आए। कोरोना वायरस के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस राजनीति में है? उसे बाद में देखा जाएगा।
मध्य प्रदेश में किसके पास कितने विधायक?
मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीट है। दो विधायकों को निधन के बाद यह संख्या 228 हो गई है। इसमें से 22 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। अभी तक विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं किए हैं। अभी विधानसभा में कांग्रेस के 114, भाजपा के 107, निर्दलीय 4, बसपा 2 और सपा के 1 विधायक हैं। अभी तक निर्दलीय और बसपा-सपा के विधायकों का समर्थन कांग्रेस को है।
11 मार्च को भाजपा में शामिल हुए सिंधिया, 12 मार्च को भोपाल पहुंचे
कांग्रेस में 18 साल तक रहने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 मार्च के दिन ट्वीट कर जानकारी दी कि उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी है। उन्होंने अपने इस्तीफे की कॉपी को ट्वीट किया। हालांकि इस्तीफे में 9 मार्च की तारीख लिखी हुई थी। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने एक दिन पहले ही कांग्रेस छोड़ने का मन बना लिया था। भाजपा में शामिल होने के एक दिन बाद सिंधिया भोपाल पहुंचे, जहां उनका जोरदार तरीके से स्वागत हुआ।
ललकार कर गलती की: सिंधिया
भोपाल पहुंचने पर सिंधिया ने पहले एयरपोर्ट से लेकर भाजपा कार्यालय तक 12 किमी. का रोड शो किया। इसके बाद भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सिंधिया को ललकार कर गलती। हम चुप नहीं रहेंगे। उन्होंने शिवराज सिंह चौहान की भी जमकर तारीफ की। फिर शिवराज सिंह चौहान के घर पर डिनर भी किया।