वैज्ञानिकों ने ओमीक्रोन के नए वर्जन को स्टील्थ नाम दिया है। इसका मतलब-छुपा हुआ होता है। नए वर्जन की पहचान दुनिया के कई देशों में हो चुकी है लेकिन इसको सामान्य किट से डिटेक्ट नहीं किया जा पा रहा है।
नई दिल्ली। दुनियाभर में दहशत फैला चुका कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रोन (Omicron) तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि, बहुरूपिया कोरोना (Covid-19) के ओमीक्रोन का एक नया वर्जन भी दस्तक दे चुका है। अभी पुराने वर्जन की संक्रामकता वगैरह पर रिसर्च चल ही रहा था कि इस ओमीक्रोन के नए वर्जन 'स्टील्थ' (Stealth) ने भी भय कायम कर दिया। सबसे गंभीर बात यह कि नए वर्जन की पहचान कर पाने में सामान्य जांच किट असफल साबित हो रही है।
स्टील्थ यानी छुपा हुआ
दरअसल, वैज्ञानिकों ने ओमीक्रोन के नए वर्जन को स्टील्थ नाम दिया है। इसका मतलब-छुपा हुआ होता है। नए वर्जन की पहचान दुनिया के कई देशों में हो चुकी है लेकिन इसको सामान्य किट से डिटेक्ट नहीं किया जा पा रहा है।
केवल जीनोम सिक्वेंसिंग के जरिए हो पा रही पहचान
ओमीक्रोन के नए वर्जन स्टील्थ के अभी तक ऑस्ट्रेलिया, यूके और डेनमार्क में कई केस पाए गए हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए इसे कुछ हद तक पकड़ा जा सकता है।
वैक्सीन का भी असर कम
नए स्टील्थ वेरिएंट पर वैक्सीन का भी असर कम है। ऐसे में कोविड प्रोटोकाल का पालन कर ही इससे दूरी बनाई जा सकती है। वैज्ञानिक सुझाव दे रहे हैं कि खुद को संक्रमित होने से बचाने का बेस्ट तरीका CAB यानी कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर है। हमें जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए अपनी लैब्स को तैयार रखना पड़ेगा और वायरस के नेचर पर नजर रखने के लिए विशेषज्ञों को अलर्ट रहना होगा। ऐसे टेस्ट किट विकसित करने होंगे जिनके जरिए यह वैरिएंट समेत आने वाले संभावित वैरिएंट और उनके वर्जन भी पकड़ में आ सके।
24 घंटे में 81 लाख लोगों को दी गई वैक्सीन
देश में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 81 लाख डोज लगाए जा चुके हैं। देशभर में अब वैक्सीनेशन का आंकड़ा बढ़कर 133 करोड़ के करीब पहुंच गया है। शनिवार को हेल्थ मिनिस्ट्री के जारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना के खिलाफ अब तक 132 करोड़ 84 लाख 04 हजार 705 डोज दिए जा चुके हैं। शनिवार को दी गई 81 लाख 08 हजार 719 वैक्सीन खुराक में से 20 लाख 13 हजार 140 लोगों को पहली खुराक मिली, जबकि 60 लाख 95 हजार 579 लोगों ने अपनी दूसरी खुराक पूरी की।
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