गुलाम नबी आजाद ने बताया राज्यसभा में क्यों रोए थे पीएम, बोले- मोदी साहब को असभ्य और क्रूर समझता था लेकिन...

कश्मीर में अपने कार्यकर्ताओं की मीटिंग के बाद गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को चुप्पी तोड़ते हुए पीएम मोदी और अपने रिश्ते का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी उनकी विदाई के दौरान सदन में क्यों आंसू बहाए थे।

नई दिल्ली। कांग्रेस छोड़ने के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) की सबसे अधिक चर्चा राज्यसभा (Rajya Sabha) में उनकी विदाई के दौरान पीएम मोदी (PM MOdi) के आंसुओं की हो रही है। दोनों के सदन में भावुक हो जाने को उनके इस्तीफा से जोड़कर देखा जा रहा है। कश्मीर में अपने कार्यकर्ताओं की मीटिंग के बाद गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को चुप्पी तोड़ते हुए पीएम मोदी और अपने रिश्ते का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी उनकी विदाई के दौरान सदन में क्यों आंसू बहाए थे। दरअसल, कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने गुलाम नबी आजाद पर पलटवार करते हुए कहा था कि पहले आंसू, फिर पद्मविभूषण और बंगला एक्टेंशन...यह संयोग नहीं सहयोग है।

गुलाम नबी आजाद ने बताया क्यों रोए थे पीएम मोदी?

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कांग्रेस छोड़ने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने बताया कि पिछले साल राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद क्यों पीएम मोदी विदाई समारोह में रो पड़े थे। आजाद ने कहा कि वह मेरे लिए नहीं रोए थे। पीएम मोदी मेरे सदन छोड़ने पर दुखी होने की बात नहीं कर रहे थे। वह एक घटना के बारे में बात कर रहे थे।

आजाद ने बताया कि साल 2006 में गुजरात के कुछ पर्यटक कश्मीर में हुए एक ग्रेनेड हमले में मारे गए थे। उस समय वह गुजरात के सीएम थे और मैं जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री था। इस हमले के तत्काल बाद उन्होंने मेरे कार्यालय पर फोन किया। उस वक्त कई हत्याएं हुई थीं। मैं भी भावुक था। मेरे आंसू निकल रहे थे। फोन कॉल के दौरान उन्होंने मुझे रोते हुए सुन लिया क्योंकि मेरा कर्मचारी फोन लेकर मेरे पास ही खड़ा था। वह उस घटना को याद कर सदन में भावुक हो गए थे। बता दें कि 25 मई 2006 को श्रीनगर में एक हमले में चार टूरिस्ट मारे गए थे और आधा दर्जन गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

एयरपोर्ट पर भी मैं रो पड़ा था...

गुलाम नबी आजाद ने उस घटना का जिक्र करते हुए आगे बताया कि पीएम मोदी जो उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री थे, लगातार अपडेट के लिए मेरे ऑफिस को फोन करते रहे। मैं शवों व घायलों को भेजवाने के लिए दो स्पेशल फ्लाइट्स की व्यवस्था कराई। शवों को ले जा रहे परिजन शोक में थे और रो रहे थे। मैं उस वक्त भी अपने आंसू नहीं रोक सका और रो दिया। यह न्यूज चैनल्स पर भी आए थे। इसके बाद फिर नरेंद्र मोदी ने उनको फोन किया लेकिन फोन पर मैं बोल नहीं सका।

मोदी में इंसानियत बची है...

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं सोचता था कि मोदी साहब एक असभ्य व्यक्ति होंगे, बहुत ही क्रूर होंगे लेकिन वह इसके विपरीत हैं। मुझे लगा था कि वह परवाह किसी की नहीं करेंगे क्योंकि उनी कोई पत्नी या बच्चा नहीं है। लेकिन ऐसा नहीं है। वह उस समय इंसानियत दिखाए। हमेशा ही परवाह करते हैं।

चौकीदार चोर है, नारे से हम असहमत

आजाद ने कहा कि 2019 में राहुल गांधी ने चौकरीदार चोर है, का नारा दिया था। हम लोग उन लीडर्स में शामिल थे जो इस नारे के इस्तेमाल करने से सहमत नहीं थे। हम उनकी नीतियों के विरोध में थे लेकिन चोर शब्द का इस्तेमाल, हमारी संस्कृति नहीं है।

बीजेपी और हमारा वोटबैंक अलग, कोई समझौता नहीं 

गुलाम नबी आजाद ने अपने भविष्य की योजनाओं को साझा करते हुए कहा कि वह अपनी नई पार्टी बनाएंगे। अगले साल के शुरूआत में जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने हैं। बीजेपी के साथ हमारी नई पार्टी का कोई गठबंधन नहीं होगा। बीजेपी और हमारा वोट बैंक अलग-अलग है। इसलिए हम एक साथ काम नहीं कर सकते हैं। समझौते का कोई सवाल ही नहीं है।

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