भारत में बढ़ते संक्रमण को रोकने वैक्सीनेशन की स्पीड बढ़ाई जा रही है। एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने का महाअभियान शुरू हो रहा है। भारत में अभी दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन मौजूद हैं। अब तीसरी वैक्सीन 1 मई को भारत को मिल जाएगी। रूस की वैक्सीन स्पूतनिक-V की पहली खेप यहां आ रही है।
नई दिल्ली. भारत में कोरोना संक्रमण को हराने अब वैक्सीनेशन को स्पीड दी जा रही है। अब तक देश में 45 साल से ऊपर के बीमार और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही थी, लेकिन 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने का महाअभियान शुरू हो रहा है। भारत में अभी दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन मौजूद हैं। अब तीसरी वैक्सीन 1 मई को भारत को मिल जाएगी। रूस की वैक्सीन स्पूतनिक-V की पहली खेप यहां आ रही है। रूस के गमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट का दावा है कि स्पूतनिक वी 91.6% प्रभावी है। अभी देश में कोविशील्ड और कोवैक्सीन के 70 मिलियन शॉट्स का हर महीने निर्माण हो रहा है।
1 मई से वैक्सीनेशन का महाअभियान
कोरोना संक्रमण से लोगों की सुरक्षा के लिए 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम चल रहा है। वैक्सीनेशन के लिए सेंटर पर असुविधा से बचने बेहतर होगा कि आप पहले से ही रजिस्ट्रेशन करा लें।
हाल में मिली थी स्पूतनिक-वी को मंजूरी
भारत में रूस के उप राजदूत रोमन बाबुश्किन ने कहा कि भारत द्वारा स्पूतनिक वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल देकर दोनों देशों के बीच स्पेशल पार्टनरशिप के नए दरवाजे खोले हैं।भारत में Sputnik V वैक्सीन बना रही डॉ रेड्डी लैब ने वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मांगी थी। सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने इसे स्वीकार कर लिया था। रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड(RDIF) एजेंसी ने बताया कि स्पूतनिक वी कोरोना वैक्सीन को परमिशन देने वाला भारत 60वां देश है। RDIFके सीईओ किरिल दिमित्रेव (Kirill Dmitriev) ने कहा कि भारत में इस वैक्सीन की हर साल 850 मिलियन डोज बनने जा रही हैं। यह दुनियाभर के करीब 425 मिलियन लोगों के लिए पर्याप्त हैं। इस वैक्सीन के लिए 10 देशों के बीच पार्टनरशिप हुई है। भारत में अभी कोरोना की कोविशील्ड और कोवैक्सिन वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के बाद स्पुतनिक वी तीसरी वैक्सीन बन गई है।
भारत में रामबाण साबित हो सकती है Sputnik V
भारत में कोरोना वैक्सीन की अभी दो वैक्सीन इस्तेमाल की जा रही हैं। कुछ राज्यों में वैक्सीन की कमी की खबरें भी सामने आई हैं। ऐसे में स्पुतनिकवी को मंजूरी मिलने से देश में वैक्सीनेशन प्रोग्राम को और तेजी मिल सकती है। इसके अलावा यह वैक्सीन भारत बायोटेक की Covaxin और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की Covishield से ज्यादा असरदार है। ऐसे में इस वैक्सीन से नतीजे और बेहतर मिल सकते हैं। इसके अलावा Sputnik V वैक्सीन की खास बात ये है कि इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच स्टोर किया जा सकता है। इसी तरह कोविशील्ड और कोवैक्सिन को स्टोर करना भी आसान और सुविधाजनक है। Sputnik की भी दो डोज देनी पड़ेंगी।
क्या होता है इमरजेंसी अप्रूवल?
वैक्सीन, दवाओं, डायग्नोस्टिक टेस्ट्स और मेडिकल डिवाइसेज के लिए इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन लिया जाता है। भारत में इसके लिए सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) रेगुलेटरी बॉडी है। CDSCO वैक्सीन और दवाओं के लिए उनकी सेफ्टी और असर के आकलन के बाद ऐसा अप्रूवल देता है।
अक्टूबर तक भारत के पास होंगी 5 और वैक्सीन
भारत ने कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए जंग और तेज कर दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि भारत को अक्टूबर तक 5 और वैक्सीन मिल सकती हैं। उम्मीद की जा रही है कि स्पुतनिकवी (डॉ रेड्डी) के बाद जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन( बायोलॉजिकल), नोवावैक्स (सीरम इंस्टीट्यूट), जाइडस कैडिला और भारत बायोटेक की इंट्रानासल वैक्सीन को अक्टूबर के अंत तक मंजूरी मिल सकती है। हालांकि, सरकार का किसी वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी देने से पहले सुरक्षा और असर पर ध्यान है।
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