दिल्ली नगर निकाय चुनाव के लिए सोमवार से शुरू हुए पर्चा दाखिला में सुबह 11 बजे से शाम तीन बजे तक ही प्रत्याशी नामांकन कर सकेंगे। नामांकन 14 नवम्बर तक होगा। 16 नवम्बर को दाखिल हुए पर्चों की स्क्रूटनी होगी। 19 नवम्बर को नामांकन वापस लिया जा सकेगा। नामांकन वापसी के बाद जो मैदान में बचेंगे उनको चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया जाएगा।
MCD elections 2022: दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया जारी है। नामांकन का चार दिन बीतने के बाद महज सात नामांकन पत्र ही आए हैं। किसी भी राजनीतिक दल के प्रत्याशी ने अभी तक अपना पर्चा दाखिला नहीं किया है। सबसे अधिक पांच पर्चा दाखिल गुरुवार को हुए जबकि सोमवार व बुधवार को एक-एक पर्चा दाखिल हुआ। दिल्ली नगर निगम का चुनाव 4 दिसंबर को होंगे जबकि वोटों की गिनती सात दिसंबर को होगी।
सुबह 11 बजे से शाम तीन बजे तक ही पर्चा दाखिला
चुनाव आयोग के अनुसार दिल्ली नगर निकाय चुनाव के लिए सोमवार से शुरू हुए पर्चा दाखिला में सुबह 11 बजे से शाम तीन बजे तक ही प्रत्याशी नामांकन कर सकेंगे। नामांकन 14 नवम्बर तक होगा। 16 नवम्बर को दाखिल हुए पर्चों की स्क्रूटनी होगी। 19 नवम्बर को नामांकन वापस लिया जा सकेगा। नामांकन वापसी के बाद जो मैदान में बचेंगे उनको चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया जाएगा।
4 दिसंबर को दिल्ली के लोग चुनेंगे लोकल सरकार
दिल्ली नगर निकाय चुनाव यानी एमसीडी चुनाव के लिए 4 दिसंबर को वोटिंग होगी। 7 दिसंबर को मतों की गिनती होगी। चुनाव आयोग ने बताया कि वोटिंग के लिए 50 हजार से अधिक ईवीएम का प्रयोग किया जाएगा। चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए एक लाख से अधिक कार्मिक लगाए गए हैं।
वार्डों की संख्या घटी
इस बार नगर निकाय चुनाव में वार्डों की संख्या घट गई है। नए परिसीमन के बाद दिल्ली में वार्डों की संख्या 272 से घटकर 250 रह गई है। 42 वार्ड एससी (अनुसूचित जाति) के लिए रिजर्व हैं। चुनाव में 1,46,73,847 वोटर्स अपनी लोकल सरकार को चुनेंगे। इनमें 79,86,705 पुरुष, 66,86,081 महिला और 1,061 ट्रांसजेंडर वोटर्स शामिल हैं।
क्यों घटी वार्डों की संख्या?
दिल्ली के तीन नगर निकायों के विलय के बाद पहली बार चुनाव हो रहा है। चुनाव इस साल अप्रैल में होने थे लेकिन तीन नगर निकायों के विलय होने के बाद परिसीमन में देरी हो गई। दिल्ली के तीन पूर्व नगर निकायों यानी उत्तरी दिल्ली नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम का विलय कर दिया गया है।
खर्च की सीमा भी बढ़ाई गई
देश की राजधानी में होने वाले निकाय चुनाव के प्रत्याशियों के खर्च की सीमा भी इस बार बढ़ा दी गई है। बीते निकाय चुनाव में प्रत्येक कैंडिडेट पौने छह लाख रुपये तक खर्च कर सकता था लेकिन इस बार यह सीमा बढ़ा दी गई है। अब प्रत्याशी 8 लाख रुपये तक चुनाव में खर्च कर सकते हैं।
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