अरुणाचल प्रदेश: चीन से लगी सीमा के करीब सियांग में सेना का रुद्र हेलिकॉप्टर क्रैश, 2 पायलट समेत 5 की मौत

अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सेना का एक रुद्र हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया है। हादसा शुक्रवार को ऊपरी सियांग जिले में तुतिंग मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर सिंगिंग गांव के पास हुआ। हेलिकॉप्टर रूटीन उड़ान पर था।

ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश)। अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगी सीमा के करीब भारतीय सेना का एक रुद्र हेलिकॉप्टर क्रैश (Indian Army Helicopter Crash) हो गया है। हादसा शुक्रवार सुबह करीब 10:40 बजे ऊपरी सियांग जिले में तुतिंग मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर सिंगिंग गांव के पास हुआ। हेलिकॉप्टर में दो पायलट समेत पांच लोग सवार थे। हादसे में सभी की मौत हो गई है। बचाव अभियान चला रहे जवानों ने शुक्रवार शाम तक चार शवों को बरामद कर लिया है। हेलिकॉप्टर रूटीन उड़ान पर था। उसने लिकाबली कस्बे से उड़ान भरी थी। 

गुवाहाटी में तैनात रक्षा विभाग के जन संपर्क अधिकारी ने बताया कि तूतिंग क्षेत्र के पास एएलएच (Advanced Light Helicopter) दुर्घटनाग्रस्त हो गया। अपर सियांग के पुलिस अधीक्षक जुम्मर बसर ने बताया कि दुर्घटना स्थल सड़क से जुड़ा नहीं है। बचाव दल को भेजा गया है। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल एएस वालिया ने कहा कि बचाव दल को मौके पर भेजा गया और तलाशी अभियान चलाया गया। तलाशी और बचाव अभियान के लिए सेना और भारतीय वायुसेना के एक-एक हेलिकॉप्टर को तैनात किया गया। बता दें कि इससे पहले 5 अक्टूबर 2022 को अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके के पास चीता हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया था। इस घटना में भारतीय सेना के एक पायलट की मौत हो गई थी।

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किरेन रिजिजू ने जताया दुख
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट किया कि अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग जिले में भारतीय सेना के हेलिकॉप्टर के क्रैश होने के बारे में बहुत परेशान करने वाली खबर मिली है। उन्होंने दुर्घटनास्थल की एक वीडियो भी शेयर किया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि हेलिकॉप्टर घने जंगल में क्रैश हुआ। वीडियो में काला धुआं उठता दिख रहा है।

 

 

ध्रुव का अटैक वर्जन है रुद्र
गौरतलब है कि रुद्र हेलिकॉप्टर एचएएल (Hindustan Aeronautics Limited) द्वारा बनाया गया हल्के वजन वाला अत्याधुनिक हेलिकॉप्टर है। यह एचएएल द्वारा बनाए गए ध्रुव हेलिकॉप्टर का अटैक वर्जन है। दो इंजन वाला यह हेलिकॉप्टर कम वजन के चलते ऊंचे पहाड़ी इलाकों में उड़ान भरने के लिए उपयुक्त है। भारतीय सेना और वायु सेना द्वारा इसका इस्तेमाल चीन से लगी सीमा के करीब किया जा रहा है।

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अरुणाचल प्रदेश का आसमान उड़ान भरने के लिए सबसे कठिन क्षेत्रों में से एक है। बहुत अधिक ऊंचाई के चलते हवा का घनत्व कम हो जाता है। इसके कारण यहां हेलिकॉप्टर को लिफ्ट पाने में कठिनाई होती है। इसके साथ ही नम और आद्र वातावरण के चलते यहां घने बादल छाए रहते हैं, जिससे उड़ान भरना मुश्किल हो जाता है।

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