सार

राष्ट्रीय पुलिस स्मरणोत्सव दिवस 10 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों की याद में मनाया जाता है, जो इस दिन 1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में चीनी सैनिकों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में शहीद हो गए थे।

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह(Union Home Minister Amit Shah) ने शुक्रवार(21 अक्टूबर) को कहा कि देश के अधिकतर 'हॉटस्पॉट' अब देश विरोधी गतिविधियों से लगभग मुक्त हो गए हैं और पिछले 8 वर्षों में नरेंद्र मोदी सरकार में प्रमुख सुरक्षा थिएटरों की स्थिति में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान पूर्वोत्तर के उग्रवाद प्रभावित इलाकों से हिंसा की घटनाओं में 70 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है और यह सुखी पूर्वोत्तर(happy Northeast) का संकेतक है। राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस(National Police Commemoration Day) के अवसर पर चाणक्यपुरी इलाके में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में शीर्ष पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कमांडरों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ नक्सल हिंसा से प्रभावित राज्यों में भी यही स्थिति थी।

जानिए अमित शाह की स्पीच की मुख्य बातें
शाह ने कहा,अधिकांश हॉटस्पॉट देश विरोधी गतिविधियों से लगभग मुक्त हैं और यह हम सभी के लिए बहुत खुशी और संतुष्टि की बात है।  शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में मोदी सरकार ने सशस्त्र बलों (under the AFSPA) को दी गई विशेष शक्तियों को हटा दिया है और इसके बजाय इस क्षेत्र के युवाओं को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए विशेष अधिकार दिए हैं।

शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात ऐसे हैं कि जो पहले पथराव करते थे, वे अब 'पंच' और 'सरपंच' बन गए हैं और लोकतांत्रिक तरीके से क्षेत्र के विकास में हिस्सा ले रहे हैं।  शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद (Left Wing Extremism-LWE) से प्रभावित राज्यों में जहां हिंसा की कई घटनाएं होती थीं, वहां बनाए गए 'एकलव्य' स्कूलों में राष्ट्रगान गाया जा रहा है और इन क्षेत्रों में घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराता है। शाह ने कहा कि 35,000 से अधिक पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों के सर्वोच्च बलिदान' के कारण भारत विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा-"मैं इन जवानों के परिवारों को आश्वस्त करता हूं कि ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और मैं कहना चाहता हूं कि पुलिस कर्मियों की इस प्रतिबद्धता के कारण देश आगे बढ़ रहा है।"

इन कर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने COVID-19 महामारी के दौरान एक प्रमुख भूमिका निभाई। नरेंद्र मोदी सरकार इन कर्मियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और गृह मंत्रालय ने सक्रिय कदम उठाए हैं और बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने, आवास संतुष्टि बढ़ाने और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस के ड्यूटी रोस्टर को मानवीय बनाने के तीन क्षेत्रों में निश्चित परिणाम प्राप्त किए हैं। शाह ने सीएपीएफ जवानों के लिए आवास संतुष्टि (आवास सुविधा)2014 में 37 प्रतिशत से बढ़कर अब 48 प्रतिशत हो गई है और सरकार का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में इसे 60 प्रतिशत तक ले जाना है। शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय (MHA) ने केंद्रीय स्वास्थ्य देखभाल योजना 'आयुष्मान भारत' के तहत सीएपीएफ सैनिकों और उनके परिवारों को लगभग 35 लाख कार्ड वितरित किए हैं और उन्हें अब तक 20 करोड़ रुपये की धनराशि की प्रतिपूर्ति की है।

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राष्ट्रीय पुलिस स्मरणोत्सव दिवस(The National Police Commemoration Day) 10 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों की याद में मनाया जाता है, जो इस दिन 1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में चीनी सैनिकों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में शहीद हो गए थे। शाह ने विभिन्न केंद्रीय पुलिस और खुफिया संगठनों के प्रमुखों के नेतृत्व में  पुलिस स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। यहां कार्रवाई में शही हुए सैनिकों के सम्मान में 30 फीट लंबी और 238 टन भारी काले ग्रेनाइट की सेंट्रल मूर्ति बनाई गई है।

खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन कुमार डेका( Intelligence Bureau Director Tapan Kumar Deka) ने बताया कि पिछले एक साल में कुल 264 पुलिस और सीएपीएफ कर्मियों ने ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी। डेका ने कहा कि देश में आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी के क्षेत्र में कई तरह की ड्यूटी करते हुए 36,059 पुलिस और सीएपीएफ के जवान शहीद हुए हैं।

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