महाराष्ट्र की राजनीति(Maharashtra Politics) में भूचाल लाने वाले 100 करोड़ रुपए की वसूली मामले के आरोपी पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख(anil deshmukh) 1 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय(ED) दफ्तर पहुंचे। इस दौरान उनकी चाल निराशा से भरी थी। हाथ पीछे बांधे हुए चल रहे थे।
मुंबई. 100 करोड़ की वसूली मामले के आरोपी महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (anil deshmukh) 1 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय(Enforcement Directorate-ED) दफ्तर पहुंचे। इस दौरान उनकी चाल निराशा से भरी थी। हाथ पीछे बांधे हुए चल रहे थे। देशमुख को ED ने 5 बार पूछताछ के सिलसिले में समन जारी किया था। हालांकि हर बार देशमुख के वकील इंद्रपाल सिंह ही ED ऑफिस पहुंचे थे। उनकी दलील थी किदेशमुख 75 साल के हो चुके हैं। महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से वे पेश नहीं हो सकते। लेकिन अब उन्हें पेश होना पड़ा।
जल्द बेटा और पत्नी को भी पेश होना पड़ेगा
ED ने देशमुख और उनकी पत्नी को 2 बार पूछताछ के लिए समन भेजा था, लेकिन कोई भी नहीं पहुंचा। हालांकि अब कहा जा रहा है कि आज या कल में उनके बेटे और पत्नी भी ED के सामने हाजिर हो सकते हैं। ED के सामने पेश होने के बाद देशमुख के सोशल मीडिया अकाउंट से एक वीडियो पोस्ट किया गया है। इसमें देशमुख कहते सुने गए कि उन्होंने ED का जांच में सहयोग किया है। देशमुख ने कहा कि वे पहले ही कह चुके थे कि उनकी याचिकाएं पहले से ही हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। उनके निपटारे के बाद ही ED ऑफिस आएंगे। देशमुख ने कहा कि 2 बार CBI ने उनके घर पर छापा मारा। उसमे भी उन्होंने पूरा सहयोग किया। देखमुख ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से अभी उनके बारे में फैसला नहीं आया है, फिर भी वे ED दफ्तर पहुंचे। देशमुख ने कहा कि परमबीर सिंह ने उन पर गलत आरोप लगाए हैं। अब वो विदेश भाग गए हैं, ऐसा उन्हें मीडिया की खबरों से पता चला। परमबीर सिंह के खिलाफ पुलिस विभाग में कई शिकायतें दर्ज हुई हैं।
रविवार को देखमुख की मीडिएटर गिरफ्तार
रविवार को CBI ने इस मामले में पहली गिरफ्तारी की। ठाणे से संतोष शंकर जगताप नाम के आदमी को पकड़ा गया है। उसे 4 दिन की कस्टडी में भेजा गया है। इसे अनिल देशमुख का मिडलमैन बताया जा रहा है। इससे पहले CBI ने कॉन्फिडेंशियल डॉक्युमेंट्स लीक मामले में देशमुख के कई ठिकानों पर छापे मारे थे। 2 सितंबर को देशमुख के वकील आनंद दागा और CBI के ही सब इस्पेक्टर अभिषेक तिवारी को अरेस्ट किया था।
परमबीर सिंह ने उद्धव ठाकरे को लिखा था लेटर
मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिले विस्फोटक की जांच के बाद यह मामला सामने आया था। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने सचिन वझे(एंटीलिया केस का मुख्य आरोपी) को बार, रेस्तरां और अन्य जगहों से हर महीने 100 करोड़ रुपए इकट्ठा करने के लिए कहा था। चिट्ठी में परमबीर सिंह ने लिखा था, "गृहमंत्री देशमुख ने सचिन वझे को कई बार अपने बंगले पर बुलाया। फंड कलेक्ट करने का आदेश दिया। इस दौरान उनके पर्सनल सेक्रेटरी मिस्टर पलांडे भी वहां मौजूद थे। मैंने इस मामले को डिप्टी चीफ मिनिस्टर और एनसीपी चीफ शरद पवार को भी ब्रीफ किया।"
परमबीर सिंह कहां से आ गए?
एंटीलिया केस में शुरुआती जांच पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की देखरेख में ही हो रही थी। इस केस में NIA ने मुंबई पुलिस अफसर सचिन वझे को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद परमबीर सिंह पर कई आरोप लगे। नतीजा ये हुआ कि परमबीर सिंह को पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया। क्लिक करके पढ़ें