मानसून सत्र: ट्रैक्टर चलाकर संसद पहुंचे राहुल गांधी; हंगामे पर बोले स्पीकर-आपको जनता ने चुनकर भेजा है

पेगासस जासूसी कांड, कृषि कानून आदि मुद्दे मानसून सत्र में हंगामे की वजह बने हुए हैं। सत्र के दूसरे हफ्ते के पहले दिन यानी सोमवार को भी यही स्थिति बनी रही। राहुल गांधी कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर से संसद पहुंचे। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 26, 2021 4:08 AM IST / Updated: Jul 26 2021, 03:46 PM IST

नई दिल्ली. पेगासस जासूसी कांड और कृषि कानूनों के विरोध में आज भी सदन की कार्यवाही नहीं चल पाई। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में पेगासस प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने भी स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। इस बीच फैक्टरिंग रेगुलेशन (संशोधन) विधेयक, 2021 लोकसभा में पारित कर दिया गया। उधर,केंद्रीय मंत्री अमित शाह, प्रह्लाद जोशी और धर्मेंद्र प्रधान ने संसद में व्यवधान को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की।

हंगामे ने नहीं होने दी कार्यवाही
मानसून सत्र का सोमवार से दूसरा हफ्ता है। लेकिन जासूसी कांड, कृषि कानून, बेरोजगारी आदि मुद्दे पर विपक्ष लगातार आक्रामक बना हुआ है। सबसे पहले सदन में कारगिल में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा में शून्यकाल नहीं हो पाया। जैसे ही बैठक शुरू तो सभापति एम वेंकैया नायडू ने बीजेपी सदस्य सुशील कुमार मोदी का नाम पुकारकर उनसे उनका मुद्दा उठाने के लिए बोला। लेकिन विपक्षी दलों ने नेताओं ने अलग अलग मुद्दों को लेकर दिए गए अपने नोटिसों का जिक्र करते हुए हंगामा कर दिया।

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आपको जनता ने चुनकर भेजा है
लोकसभा में हंगामा देखकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नाराजगी जताते हुए विपक्ष से कहा कि उन्हें जनता ने चुनकर भेजा है, लेकिन आप सरकार का जवाब सुनना ही नहीं चाहते हैं। आप नारेबाजी कर रहे हैं। उधर, बाहर शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के सांसद संसद के बाहर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते रहे।

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कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर से संसद पहुंचे राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी बात कहने के के मकसद से ट्रैक्टर चलाकर संसद भवन पहुंचे। राहुल गांधी ने कहा कि वे किसानों का संदेश लेकर संसद आए हैं। किसानों की आवाज दबाई जा रही है। सरकार को कृषि कानून वापस लेने ही होंगे। राज्यसभा में विपक्षी दलों के नेताओं के साथ विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में बैठक की। इसमें सदन में उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों के बारे में रणनीति पर चर्चा की।

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लोकसभा में बोलीं वित्त मंत्री
लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजता कि सरकार ने मसूर दाल पर मूल सीमा शुल्क घटाकर शून्य कर दिया और दाल पर कृषि अवसंरचना विकास उपकर को आधा करके 10% कर दिया। संयुक्त राज्य अमेरिका के अलावा अन्य देशों में उत्पन्न या निर्यात की जाने वाली दाल (मसूर) पर मूल सीमा शुल्क 10% से घटाकर शून्य कर दिया गया। संयुक्त राज्य अमेरिका में उत्पन्न या निर्यात की जाने वाली मसूर (मसूर) पर मूल सीमा शुल्क 30% से घटाकर 20% कर दिया गया है। मसूर (मसूर) पर कृषि अवसंरचना विकास उपकर को वर्तमान 20% से घटाकर 10% कर दिया गया है
 

महिलाओं ने संभाला आंदोलन
पूरे मानसून सत्र के दौरान किसानों आंदोलन करेंगे। रोज 200 किसान जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। आज महिलाओं ने इसका मोर्चा संभाला हुआ है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा-8 महीने आंदोलन करने के बाद संयुक्त मोर्चा ने फैसला किया है कि हम उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब और पूरे देश में जाकर किसानों से अपनी बात रखेंगे और सरकार की नीति व काम को लेकर बात करेंगे। 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में बड़ी पंचायत होगी। टिकैत ने चेतावनी दी कि लखनऊ को भी दिल्ली बनाया जाएगा। जिस तरह दिल्ली में चारों तरफ के रास्ते सील हैं, ऐसे ही सील होंगे। हम इसकी तैयारी करेंगे।

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