प्रवासी मजदूरों के लिए मोदी सरकार को तोहफा, फैक्ट्री या वर्क प्लेस के पास ही कम किराए पर मिलेगा मकान

कोरोना महामारी के बीच प्रवासी कामगार और मजदूरों को सबसे ज्यादा दिक्कत हुई। अब मोदी सरकार उनके लिए रेंटल हाउसिंग स्कीम लेकर आई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि प्रवासी मजदूरों के लिए पीएम आवास योजना के तहत रेंटल हाउसिंग स्कीम का फायदा दिया जाएगा।

Asianet News Hindi | Published : May 14, 2020 11:35 AM IST / Updated: May 14 2020, 05:19 PM IST

नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बीच प्रवासी कामगार और मजदूरों को सबसे ज्यादा दिक्कत हुई। अब मोदी सरकार उनके लिए रेंटल हाउसिंग स्कीम लेकर आई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि प्रवासी मजदूरों के लिए पीएम आवास योजना के तहत रेंटल हाउसिंग स्कीम का फायदा मिलेगा। इसके तहत प्रवासी मजदूरों को कम रेंट पर फैक्ट्री के पास रहने के लिए घर मिल सकेगा। 

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निर्मला सीतारमण ने कहा, इसके लिए दूसरे राज्यों की सरकारों से भी बता की जाएगी कि वह अपने राज्य के उन लोगों के फैक्ट्री के आस-पास आवास बनाकर उनकी मदद करें। इसके अलावा जो घर अब बने हैं या फिर आगे बनेंगे, वहां पर मजदूरों को कम रेंट में मकान मिलेगा।

 

उद्योगपति भी बनवा सकते हैं मकान
वित्त मंत्री ने कहा, इस योजना में उद्योगपति भी मदद कर सकते हैं। जहां पर फैक्ट्री है, उसके आस-पास मकान बनवाकर मजदूरों को कम दाम पर रेंट पर दें, इससे सरकार भी उनकी मदद करेगी। 

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जो प्रवासी मजदूर घर लौटे उनके लिए क्या काम? 

अपने घर लौटने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए भी योजनाएं हैं। अब तक सरकार ने इसपर 10 हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इसके तहत 1.87 हजार ग्राम पंचायतों में काम हुआ है। जो मजदूर अपने घरों में लौटे हैं, वे वहीं रजिस्टर कर काम ले सकते हैं। मनरेगा के तहत मजदूरी 182 रुपए से बढ़ाकर 200 रुपए कर दी गई है।

 

असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को भी मिले न्यूनतम वेतन

निर्मला सीतारमण ने न्यूनतम वेतन को लेकर भी घोषणा की। उन्होंने कहा, न्यूनतम वेतन का लाभ 30% वर्कर उठा पाते हैं। समय पर उन्हें पैसा नहीं मिलता। गरीब से गरीब मजदूर को भी न्यूनतम वेतन मिले और क्षेत्रीय असामनता दूर हो इसके लिए कानून बनाया जाएगा।

वन नेशन वन राशन की व्यवस्था होगी

वित्त मंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को खाने की दिक्कत न हो, वे सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सके, इसके लिए वन नेशनल वन राशन की व्यवस्था की जाएगी। प्रवासी किसी भी राशन कार्ड कार्ड से किसी भी राज्य की किसी भी दुकान से खाद्य सामग्री ले सकेंगे। वन नेशन वन राशन कार्ड अगस्त से लागू किया जाएगा।

दो महीने तक फ्री में खाना

वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों के राशन के लिए 3500 करोड़ का प्रावधान सरकार करने जा रही है। प्रति व्यक्ति 2 महीने मुफ्त 5-5 किलो चावल और गेहूं और 1 किलो चना प्रत्येक परिवार को दिया जाएगा।

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