धान के भूसा से बनेगा Ethanol, प्रदूषण पर लगेगा लगाम, किसान होगा मालामाल, उद्घाटन करेंगे PM Modi

2G एथेनॉल प्लांट का निर्माण करीब 900 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया गया है। प्लांट का निर्माण इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) द्वारा कराया गया है जोकि पानीपत रिफाइनरी के करीब स्थित है। 

Dheerendra Gopal | Published : Aug 8, 2022 1:15 PM IST

2G Ethanol Plant in Panipat: देश में जैव ईंधन का चलन बढ़ने से पर्यावरण को संरक्षण मिलने के साथ ही रोजगार के कई अवसर भी सामने आएंगे। किसानों के लिए लाभदायक और एन्वायरमेंट फ्रेंडली एथेनॉल प्लांट (2G Ethanol Plant) का तोहफा पीएम मोदी बुधवार 10 अगस्त को देंगे। World Biofuel Day पर पीएम मोदी (PM Modi), पानीपत में बने जिस 2जी एथेनॉल प्लांट का उद्घाटन करने जा रहे हैं वहां सालाना तीन करोड़ लीटर एथेनॉल प्रोडक्शन होगा। 

क्या है पीएम मोदी का कार्यक्रम?

विश्व जैव ईंधन दिवस के अवसर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार की शाम 4:30 बजे पानीपत, हरियाणा में 2जी इथेनॉल संयंत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्र को समर्पित करेंगे। पीएमओ ने बताया कि संयंत्र का समर्पण देश में जैव ईंधन के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा वर्षों से उठाए गए कदमों की एक लंबी श्रृंखला का हिस्सा है। यह ऊर्जा क्षेत्र को अधिक किफायती, सुलभ, कुशल और टिकाऊ बनाने के लिए प्रधान मंत्री के निरंतर प्रयास के अनुरूप है।

क्या है 2जी एथेनॉल प्लांट का लाभ?

2G एथेनॉल प्लांट का निर्माण करीब 900 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया गया है। प्लांट का निर्माण इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) द्वारा कराया गया है जोकि पानीपत रिफाइनरी के करीब स्थित है। अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक के आधार पर, यह परियोजना सालाना लगभग 3 करोड़ लीटर इथेनॉल का प्रोडक्शन करेगा। एथेनॉल प्रोडक्शन में सालाना दो लाख टन चावल के भूसे (पराली) का उपयोग किया जाएगा। 

पराली जलाते हैं किसान, मिलेगा निजात

एथेनॉल प्रोडक्शन में लगने वाले पराली को किसानों से लिया जाएगा। इससे किसानों के आय में तो वृद्धि होगी ही साथ ही यह पर्यावरण के लिए लाभदायक होगा। हर साल किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाने की वजह से पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है। यह प्लांट काफी हद तक पर्यावरण को संरक्षित करने में सहयोगी साबित होगा। प्रोजेक्ट प्लांट संचालन में शामिल लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने के साथ ही, चावल के भूसे की आपूर्ति में विभिन्न स्तरों पर परोक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

टूजी इथेनॉल प्लांट से पर्यावरण को क्या लाभ हो सकता?

परियोजना से चावल के भूसे (पराली) को जलाने में कमी के माध्यम से, परियोजना प्रति वर्ष लगभग 3 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड समकक्ष उत्सर्जन के बराबर ग्रीनहाउस गैसों में कमी लाने में योगदान देगी। यह देश में सालाना लगभग 63,000 कारों से होने वाले प्रदूषण के बराबर है।

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