COVID-19 की समीक्षा बैठक: 37 नाइट्रोजन प्लांट के पास बनेंगे 10000 ऑक्सीजन युक्त बेड के अस्थायी अस्पताल

कोविड-19 महामारी से निपटने प्रधानमंत्री लगातार उद्योगपतियों, संस्थाओं और विशेषज्ञों से बातचीत कर रहे हैं। रविवार को भी मोदी ने सीनियर अधिकारियों के साथ एक मीटिंग की। इसमें ऐसे 37 नाइट्रोजन प्लांट को चिह्नित किया गया, जहां 10000 ऑक्सीजनयुक्त बेड वाले अस्थायी अस्पताल बनाए जा सकेंगे।

Asianet News Hindi | Published : May 2, 2021 11:28 AM IST / Updated: May 17 2021, 10:51 AM IST

नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं को पटरी पर लाने केंद्र सरकार लगातार कुछ न कुछ नये प्रयोग और कोशिशें कर रही है। कोविड-19 महामारी से निपटने प्रधानमंत्री लगातार उद्योगपतियों, संस्थाओं और विशेषज्ञों से बातचीत कर रहे हैं। रविवार को भी मोदी ने सीनियर अधिकारियों के साथ एक मीटिंग की। इसमें ऐसे 37 नाइट्रोजन प्लांट को चिह्नित किया गया, जहां 10000 ऑक्सीजनयुक्त बेड वाले अस्थायी अस्पताल बनाए जा सकेंगे। ये वो प्लांट हैं, जो शुद्धता की ऑक्सीजन उत्पादित करते हैं।

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रविवार को कोविड-19 की स्थिति पर हुईं कई समीक्षा बैठकों के बाद पीएमओ ने एक बयान में कहा कि सरकार ऑक्सीजन का प्रोडक्शन बढ़ाने नाइट्रोजन प्लांट का इस्तेमाल ऑक्सीजन के उत्पादन में करने जा रही है। बयान में कहा गया कि स्टील प्लांट, पेट्रोकेमिकल इकाइयों के साथ रिफाइनरी, आदि उद्योगों के अलावा पॉवर प्लांट में ऑक्सीजन प्लांट होते हैं, जो गैसीय ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं। इस ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन में बदला जा सकता है। सरकार अब ऐसे उद्योगों की पहचान कर रही है, जो शुद्ध रूप से गैसी ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं और शहरों या घनी आबादी वाले इलाकों में हों। इन उद्योगों के पास ऑक्सीजन युक्त बेड के साथ अस्थायी COVID केयर हास्पिटल स्थापित किए जा सकते हैं। इस दिशा में एक पायलट शुरुआत हुई थी, जो सफल रही है। ऑक्सीजन की कमी को दूर करने सार्वजनिक उपक्रमों और निजी उद्योगों से मदद ली जा रही है।

समीक्षा बैठक में बताया गया कि करीब 1,500 पीएसए संयंत्र(Pressure swing adsorption) पीएम केयर फंड और अन्य के योगदान से तैयार हो रहे हैं। बैठक में इन्हें जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए। अभी 14 उद्योगों की पहचान की गई है, जहां नाइट्रोजन प्लांट को ऑक्सीजन प्लांट में बदलने का काम चल रहा है। इसके अलावा उद्योग संघों की मदद से 37 नाइट्रोजन संयंत्रों की भी पहचान की गई है। यहां से उत्पादित ऑक्सीजन को सिलेंडर में भरकर भी ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है।

बैठक में पीएम के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव और और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई सीनियर अफसर मौजूद थे।

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