सार
पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर में पीएम नरेंद्र मोदी ने रोड शो किया। उनकी एक झलक पाने के लिए लोगों की भीड़ जुटी।
कृष्णानगर। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रचार के क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर पहुंचे। जनसभा स्थल तक जाने के दौरान पीएम ने रोड शो किया। इस दौरान उनकी एक झलक पाने के लिए लोगों की भीड़ जुटी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखने के लिए सड़क के दोनों किनारे जन सैलाब उमड़ा था। पीएम अपनी कार से बाहर निकले हुए थे। उन्होंने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।
नरेंद्र मोदी बोले- कांग्रेस के लिए 50 सीट पार करना मुश्किल
कृष्णानगर में जनसभा को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा, "यह देश का चुनाव है। टीएमसी तो पूरे देश में 15 सीट भी जीत नहीं सकती। बताएं क्या टीएमसी 15 सीट लेकर सरकार बना सकती है? कांग्रेस पूरे देश में कितना भी जोड़ लगा दे इस बार आधी सेंचुरी करना मुश्किल है। 50 सीट पाने के लिए भी वो बहुत मुश्किल में है। 50 सीट भी नहीं मिल रही है तो क्या वो सरकार बना सकते हैं? वाममोर्चे का लाल झंडा आज कहीं नजर नहीं आ रहा है। अगर कोई सरकार बना सकता है तो वो सिर्फ बीजेपी-एनडीए है।"
उन्होंने कहा, "अब बहस इतनी है कि एनडीए 400 पार होगा या नहीं होगा। हमारे विरोधी करते हैं 400 पार नहीं होगा। जो लोग मैदान में काम कर रहे हैं वो कहते हैं कि 400 पार होगा। इंडी वालों की लड़ाई यह है कि लोकसभा में विपक्ष का जो दल जीतकर आएंगे उनमें सबसे बड़ा दल कौन बने। ये लोग इसी के लिए लड़ रहे हैं।"
टीएमसी ने गरीब का राशन तक नहीं छोड़ा
नरेंद्र मोदी ने कहा, "जिस टीएमसी ने गरीब का राशन तक नहीं छोड़ा उससे उम्मीद ही क्या की जा सकती है। मैं गारंटी देता हूं टीएमसी की लूट का हिसाब किया जाएगा। पीड़ितों को उनका पैसा लौटाया जाएगा। पहले यहां इतनी फैक्ट्रियां हुआ करती थी, एक समय पूरा बंगाल उद्योग के मामले में कितना आगे था, लेकिन कांग्रेस, लेफ्ट और टीएमसी ने सारे उद्योगों को बर्बाद कर दिया। लाल झंडे वाले ताले लगाते रहते थे। जहां टोलाबाजी हो, दंगे हो, वहां कौन आएगा। कौन निवेश करेगा। टीएमसी, कांग्रेस, लेफ्ट का इंडी अलायंस सिर्फ एक ही काम जानता है वो है तुष्टिकरण।"
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उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने देश का विभाजन धर्म के आधार पर किया। इसमें सीमा के उस पार रह गए हिंदुओं, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई का क्या दोष था। ऐसे साथियों का ध्यान रखने की गारंटी विभाजन के समय दी गई थी, लेकिन आजादी के बाद इसे भुला दिया गया। ऐसे लोगों की पीड़ा दूर करने के लिए हमारी सरकार ने सीएए लाने का साहस किया, लेकिन टीएमसी इसका सबसे ज्यादा विरोध कर रही है। टीएमसी के लिए वोट बैंक की राजनीति सबसे पहले है। टीएमसी सीएए को लागू होने से रोक नहीं सकती।"
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