मुफ्त की रेवड़ियों को सुप्रीम कोर्ट ने बताया गंभीर मुद्दा, कहा- केंद्र सरकार क्यों नहीं बुला रही सर्वदलीय बैठक

मुफ्त की रेवड़ियों से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पूछा है कि केंद्र सरकार इसको लेकर सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं बुला रही है? इस मुद्दे पर बहस होनी चाहिए। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 24, 2022 1:37 PM IST / Updated: Aug 24 2022, 07:12 PM IST

नई दिल्ली। मुफ्त की रेवड़ियों से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इसे गंभीर मुद्दा बताया। कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त में उपहार देने की प्रथा पर बहस होनी चाहिए। इस संबंध में केद्र सरकार सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं बुला रही है? 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक राजनीतिक दलों के बीच सर्वसम्मत निर्णय नहीं हो जाता कि मुफ्तखोरी अर्थव्यवस्था को नष्ट करने जा रही है और इसे रोकना होगा, तब तक कुछ नहीं हो सकता। क्योंकि राजनीतिक दल ही जनता से इस तरह के वादे करेंगे और चुनाव लड़ेंगे। कोर्ट ने कहा, "भारत सरकार क्यों नहीं इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुला रही है।"

कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर बहस होनी चाहिए। इसकी गंभीरता पर कोई शक नहीं है। सवाल यह है कि सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं बुलाई जा रही है? भारत सरकार सभी दलों से बैठक के लिए कह सकती है। चीफ जस्टिस एन वी रमना, जज हिमा कोहली और सी टी रविकुमार की पीठ ने यह टिप्पणी की। याचिकाकर्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से पेश हुए सीनियर वकील विकास सिंह ने सुझाव दिया कि पूर्व सीजेआई आरएम लोढ़ा जैसे शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को इस पहलू पर गठित की जाने वाली समिति का अध्यक्ष होना चाहिए।

मुफ्त की रेवड़ी हो रही राजनीतिक बहस
गौरतलब है कि इन दिनों देश में चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त में सुविधाएं देने के वादों को लेकर बहस हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में इसे मुफ्त की रेवड़ी कहा था। उन्होंने कहा था कि यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए घातक है। 

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राजनीतिक दलों को चुनाव में जनता से मुफ्त सामान या सुविधाएं देने का वादा करने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है। इस मामले में भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) आमने-सामने है। मुफ्त बिजली और पानी देकर आप ने दिल्ली के बाद पंजाब में सरकार बनाई है। वहीं, पार्टी अब गुजरात विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को चुनौती देने का दावा कर रही है।

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