आत्म निर्भर भारत: मनरेगा के लिए 40000 करोड़ रु का प्रावधान, कक्षा 12 तक हर क्लास के लिए होगा अलग चैनल

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को 20 लाख करोड़ रुपए के कोविड-19 राहत पैकेज के पांचवें और आखिरी चरण का ऐलान किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन की उस बात को दोहराया, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह महामारी भारत के लिए कई मौके लेकर आई है। 

Asianet News Hindi | Published : May 17, 2020 4:07 AM IST / Updated: May 17 2020, 12:52 PM IST

नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को 20 लाख करोड़ रुपए के कोविड-19 राहत पैकेज के पांचवें और आखिरी चरण का ऐलान किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन की उस बात को दोहराया, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह महामारी भारत के लिए कई मौके लेकर आई है। इस आपदा को जरूरत में बदलने की जरूरत है। इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी के जान है तो जहान है वाले बयान का भी जिक्र किया।

निर्मला सीतारमण ने कहा- सरकार इस महामारी के वक्त गरीबों को आर्थिक मदद पहुंचा रही है। इसके अलावा उन्हें खाना उपलब्ध कराया जा रहा है। जरूरतमंदों को खाते में पैसा पहुंचाया जा रहा है। 

मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपए
प्रवासी मजदूरों को ट्रेनों, राशन के अलावा उन्हें घर जाकर काम में परेशानी ना हो, इसलिए सरकार ने 40 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त देने का फैसला किया है। इससे 300 करोड़ अतिरिक्त दिन काम मिलेगा। इससे पहले यह इसके लिए 61000 करोड़ बजट का प्रावधान था।

शिक्षा के लिए
- तकनीकी के साथ शिक्षा मिले इस पर ध्यान देते हुए पीएम इ-विद्या प्रोग्राम जल्द ही शुरू किया जाएगा। इससे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से शिक्षा मिल सकेगी। इसके अलावा 100 यूनिवर्सिटी 30 मई 2020 तक स्वचालित रूप से ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू कर सकेंगी। 
- वन नेशन वन डिजीटल प्लेफॉर्म के तहत सभी राज्यों में शिक्षा के लिए दीक्षा ई बुक शुरू होगी। 
- इसके अलावा वन क्लास वन चैनल के माध्यम से 1-12 क्लास तक के लिए अलग अलग चैनल शुरू किया जाएगा। 
- रेडियो, कम्युनिटी रेडियो का प्रसार किया जाएगा। 
- सुनने और देखने में असमर्थ बच्चों के लिए स्पेशल इ कंटेंट रहेगा।
- जरूरतमंद छात्र जिनके पास इंटरनेट नहीं है वे स्वंय प्रभा डीटीएच सेवा से पढ़ सकते हैं। फिलहाल ऐसे तीन चैनल हैं, इसमें 12 नए चैनल जुड़ेंगे।

दिवालिया नहीं होंगी कंपनियां 
निर्मला सीतारमण ने कहा कि MSME पर दिवालियापन के तहत कार्रवाई न हो ऐसे में सीमा एक लाख से एक करोड़ की गई। कोरोना वायरस की वजह से कर्ज में आई कपंनी पर IBC के तहत कार्रवाई अभी नहीं होगी।

कंपनी एक्ट में बदलाव
छोटी तकनीकी प्रक्रिया में चूक को आपराधिक कार्रवाई से बाहर कर दिया गया है। नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर को स्टॉक एक्सचेंज पर रखने वाली निजी कंपनियां लिस्टेड कंपनी नहीं मानी जाएंगी। ये कंपनियां विदेशी बाजार में सीधे लिस्टिंग करवा सकेंगी।
- पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज को लेकर नई पॉलिसी बनाएंगे। 

हेल्थ सेक्टर के लिए 15000 करोड़ रुपए जारी किए
वित्त मंत्री ने बताया, अब तक कोरोना महामारी के वक्त अब तक 15 हजार करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं। इनमें से राज्यों को 4113 करोड़ रुपए दिए गए। जरूरी सेवाओं पर 3750 करोड़ रुपए खर्च किए गए। 550 करोड़ रुपए टेस्टिंग और लैब पर खर्च किए गए। इसके अलावा कोरोना वॉरियर्स के लिए 50 लाख का बीमा लाया गया। एपिडेमिक एक्ट में बदलाव किया। जहां भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बन रही थी। अब 300 कंपनियां इसके निर्माण में जुटी हैं। हर रोज 3 लाख पीपीई किट बन रही हैं। 

मजदूरों को ट्रेनों से घर पहुंचाया जा रहा
वित्त मंत्री ने कहा, प्रवासी मजदूरों को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से घर भेजा रहा है। केंद्र सरकार इसका 85% खर्चा उठा रही है। 15% खर्चा राज्य सरकार दे रहे हैं। इसके अलावा मजदूरों को खाना और पानी की व्यवस्था कराई जा रही है। उन्होंने कहा, इन सबका जिक्र इसलिए किया क्यों कि सरकार का उद्देश्य है कि जान है तो जहान है। 

आर्थिक पैकेज में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, हमने पिछले दिनों में रचनात्मक और सुधारात्मक कदम उठाए हैं। आत्मनिर्भर भारत का ये बड़ा पैकेज जो हम लाए हैं। इसमें सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। गरीब कल्याण योजना के तहत राज्योंं के माध्यम से अनाज दिया गया। उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस के सिलेंडर दिए गए। डायरेक्ट ट्रांसफर के जरिए 8.19 करोड़ किसानों के खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया है। इसके अलावा जनधन खातों में पैसा डाले गए। 

इससे पहले कीं ये घोषणाएं
पिछले चार दिनों में एमएसएमई, किसान, खेती और रिफॉर्म पर जोर रहा था। शनिवार को कोल, मिनरल, डिफेंस और एविएशन समेत कुल 8 सेक्टर से जुड़ी घोषणाएं की गई थीं।

अब तक 18 लाख 66 हजार करोड़ के ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 अप्रैल को कहा था कि मार्च में 1.70 लाख करोड़ के पैकेज और आरबीआई की घोषणाओं को मिलाकर 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज दिए जाएंगे। आम लोगों और अर्थव्यवस्था को कोरोना के असर से बचाने के लिए ये राहत दी जाएगी। इसमें से अब तक करीब 18 लाख 66 हजार करोड़ के ऐलान हो चुके हैं।

शनिवार को वित्त मंत्री ने किया था यह ऐलान

- 50 कोल ब्लॉक निजी क्षेत्र को मिलेंगे, रेवेन्यू सरकार से साझा करना होगा
- मिनरल सेक्टर में निजी निवेश बढ़ाया जाएगा। 
- डिफेंस प्रोडक्शन में मेक इन इंडिया, एफडीआई 49% से बढ़ाकर 74% होगा। 
- एयर स्पेस का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा, एयरलाइन कंपनियों को सालाना 1000 करोड़ की बचत होगी। 
- केंद्र शासित प्रदेशों में पावर डिस्ट्रिब्यूशन का काम निजी कंपनियों को दिया जाएगा। 
- सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर में निजी सेक्टर के लिए 8100 करोड़ रुपए। 
- स्पेस सेक्टर में भी निजी कंपनियों को मौके मिलेंगे। 
- पीपीपी के जरिए रिएक्टर शुरू होंगे, किफायती इलाज पर रिसर्च शुरू हो सकेगी। 

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