वेंकटेश्वर मंदिर से हाथरस तक: देश के 10 सबसे दर्दनाक हादसे, जब भगदड़ से बिछ गईं 970 लाशें

Published : Nov 01, 2025, 06:18 PM IST
Stampede

सार

10 Deadly Stampede Incidents: देश में भगदड़ के कई दर्दनाक हादसे हो चुके हैं। आंध्र प्रदेश के वेंकटेश्वर मंदिर से लेकर हाथरस सत्संग तक, इन हादसों में सैकड़ों लोगों ने जान गंवाई। इसके बाद कई सवाल भी उठे हैं। जानिए कब-कब ऐसे हादसे हुए हैं..

10 Most Dangerous Stampede in India: आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (Sri Venkateshwara Swamy Temple) में शनिवार, 1 नवंबर की सुबह मची अचानक भगदड़ में 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है और कई घायल बताए जा रहे हैं। यह हादसा कार्तिक एकादशी के मौके पर तब हुआ जब मंदिर में भारी भीड़ उमड़ी हुई थी। मंदिर परिसर से आई तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं। कई श्रद्धालु जमीन पर बेहोश या घायल अवस्था में पड़े दिखाई दिए। इस तरह की यह कोई पहली घटना नहीं है। देश में इससे पहले भी ऐसे कई दर्दनाक हादसे हुए हैं, जहां भीड़ ने ही कई जिंदगियां निगल ली हैं। जानिए 10 सबसे खतरनाक भगदड़ कब, कहां और कैसे हुए?

मांढरदेवी मंदिर भगदड़ (महाराष्ट्र, 2005)

साल 2005 में महाराष्ट्र के वाई के पास मंडहरदेवी मंदिर में 350 लोगों की मौत हो गई थी। वार्षिक यात्रा के दौरान फिसलन भरी सीढ़ियां और भीड़ के धक्के ने कई लोगों की जान ले ली। इस हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।

नैना देवी मंदिर हादसा (हिमाचल प्रदेश, 2008)

हिमाचल प्रदेश का यह हादसा आज भी सबसे भयानक मंजरों में से एक है। भक्तों से खचाखच भरे नैना देवी मंदिर में पहाड़ खिसकने की अफवाह फैलते ही लोग इधर-उधर भागने लगे। इससे भगदड़ मच गई। 150 से ज्यादा श्रद्धालु कुचलकर मारे गए।

हाथरस सत्संग हादसा (उत्तर प्रदेश, 2024)

पिछले साल उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक सत्संग के दौरान 121 लोगों की मौत हो गई थी। 'भोले बाबा' के प्रवचन में इतनी भीड़ उमड़ी कि लौटते वक्त अफरातफरी मच गई। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। ये हादसा देश के इतिहास में सबसे खतरनाक भगदड़ों में से एक माना जाता है।

चामुंडा देवी मंदिर भगदड़ (राजस्थान, 2008)

जोधपुर के मशहूर चामुंडा देवी मंदिर में नवरात्र के समय अफवाहों से भगदड़ मच गई थी। 120 लोगों की मौत और सैकड़ों घायल हुए। कहा गया कि किसी ने बम फटने की झूठी अफवाह फैलने के बाद हादसा हुआ था।

सबरीमाला मंदिर हादसा (केरल, 2011)

केरल के पतनमतिट्टा जिले में स्थित भगवान अय्यप्पा के सबरीमाला मंदिर में साल 2011 में मकरविलक्कु उत्सव के दौरान वापसी में 106 लोगों की मौत हुई। एक जीप ने पैदल जा रहे श्रद्धालुओं को टक्कर मारी और इससे भगदड़ मच गई थी।

करूर रैली भगदड़ (तमिलनाडु, 2025)

27 सितंबर 2025 को तमिलनाडु के करूर में एक्टर विजय की रैली के दौरा भगदड़ मच गई। जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। यह रैली उनकी पार्टी TVK की तरफ से आयोजित की गई थी।

महाकुंभ मेला हादसा (प्रयागराज, 2025)

इसी साल 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या स्नान के दौरान संगम तट पर भीड़ का दबाव इतना बढ़ा कि भगदड़ मच गई। करीब 30 श्रद्धालु मारे गए। प्रशासन पर खराब मैनेजमेंट के आरोप लगे।

एलफिंस्टन ब्रिज हादसा (मुंबई, 2017)

सितंबर 2017 में मुंबई के एलफिंस्टन रेलवे स्टेशन के फुट ओवरब्रिज पर बारिश के समय भीड़ फंस गई। इससे भगदड़ मच गई। इस हादसे में 23 लोग दम घुटने और गिरने से मारे गए। यह घटना शहरी भीड़ प्रबंधन की सबसे बड़ी विफलता मानी गई।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसा (2025)

इसी साल महाकुंभ मेला जाने वाले यात्रियों की भीड़ से रेलवे स्टेशन पर हंगामा मच गया। लोग एक-दूसरे को कुलचते हुए भागने लगे। स्टेशन पर मची इस अफरातफरी में 18 लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए।

आरसीबी विजय जश्न हादसा (बेंगलुरु, 2025)

इस साल इंडियन प्रीमियम लीग (IPL 2025) के फाइनल में जीत के बाद बेंगलुरू में जश्न के दौरान आरसीबी के फैंस की भारी भीड़ आउट ऑफ कंट्रोल हो गई। इस हादसे में 11 लोग कुचलकर मारे गए, करीब 33 लोग घायल हो गए थे।

इसे भी पढ़ें- वेंकटेश्वर मंदिर भगदड़: पिछले 10 महीने में ऐसे 3 हादसे ले चुके हैं कई जानें

इसे भी पढ़ें- वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़, श्रद्धालुओं ने बेहोश लोगों को बचाने के लिए दी CPR-वीडियो वायरल

 

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

दर्दनाक हादसाः 200 फीट गहरी खाई में गिरी शादी की कार, दूल्हे समेत 3 की स्पॉट पर मौत
भारत-रूस शिखर सम्मेलन: PM मोदी के साथ राष्ट्रपति भवन में पुतिन को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर