RSS के हाथ में नहीं सरकार का कंट्रोल, हमारे पास जो कुछ भी है, उसे खोना भी पड़ सकता है - मोहन भागवत

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिंदोस्तान से हिंदू शब्द पड़ा। संघ से हिंदुत्व शब्द चिपक गया है। हिंदुत्व किसी को जीतने की बात नहीं करता है। हिंदुत्व शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले गुरु नानक देव जी ने किया था। हिंदुत्व जोड़ने की बात करता है, किसी को बांटता नहीं।

धर्मशाला :  हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के धर्मशाला (Dharamshala) में एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि मीडिया में RSS को सरकार के रिमोट कंट्रोल के रूप में पेश किया जाता है, जो बिलकुल सच नहीं है। हालांकि हमारे कुछ कार्यकर्ता सरकार का हिस्सा जरूर हैं। लोग हमसे पूछते हैं कि हमें सरकार से क्या मिलता है, उनके लिए मेरा जवाब यह है कि हमारे पास जो कुछ भी है उसे हमें खोना भी पड़ सकता है।

राहुल गांधी को जवाब
पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि हजारों सालों से सभी भारतीयों का DNA एक है। कुछ शब्द हमारे जीवन से चिपक जाते हैं, उन्हें हटाया नहीं जा सकता। हिंदोस्तान से हिंदू शब्द पड़ा। संघ से हिंदुत्व शब्द चिपक गया है। हिंदुत्व किसी को जीतने की बात नहीं करता है। हिंदुत्व शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले गुरु नानक देव जी ने किया था। हिंदुत्व जोड़ने की बात करता है, किसी को बांटता नहीं। पिछले 40 हजार सालों से सभी भारतीयों का DNA एक है। धर्म का अर्थ धारणा है, जो समाज को जोड़ता है। इसका अर्थ हिंदू और मुस्लिम नहीं होता है। भागवत ने कहा कि हम गुलाम इसलिए हुए क्योंकि हम हमेशा बंटे रहे।

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भारत विश्व गुरु बन सकता है
चिकित्सा में प्राचीन भारतीय पद्धतियों पर प्रकाश डालते हुए, भागवत ने कहा कि हमें हमारे पारंपरिक भारतीय उपचार जैसे कि काढ़ा, क्वाथ और आरोग्यशास्त्र के माध्यम से देखा गया। अब दुनिया भारत की ओर देख रही है और भारतीय मॉडल का अनुकरण करना चाहती है। हमारा देश भले ही विश्व शक्ति न बने, लेकिन विश्व गुरु जरूर हो सकता है। संघ प्रमुख ने CDS दिवंगत बिपिन रावत और 13 अन्य लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा जिनका हाल ही में तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था।

हम अपनी कमजोरियों से हारे
उन्होंने एकता का आह्वान करते हुए कहा कि भारत की अविभाजित भूमि सदियों से विदेशी आक्रमणकारियों के साथ कई लड़ाई हार गई क्योंकि स्थानीय आबादी एकजुट नहीं थी। उन्होंने समाज सुधारक डॉ. बीआर आंबेडकर का हवाला देते हुए कहा, कि हम कभी किसी की ताकत से नहीं, बल्कि अपनी कमजोरियों से पराजित होते हैं। जानकारी के मुताबिक अपने पांच दिवसीय हिमाचल प्रदेश के दौरे पर भागवत तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा (Dalai Lama) से मुलाकात कर सकते हैं।

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