प्रधानमंत्री (Prime Minister) बनने के बाद नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज 5वीं बार केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham Visit) के दौरे पर पहुंचे। ये उनके दूसरे कार्यकाल का पहला दौरा है। वे पहले कार्यकाल में 4 बार केदारनाथ गए। उन्होंने आज सुबह बाबा की पूजा-अर्चना की और जलाभिषेक किया। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ में आदि शंकराचार्य (Adi Shankaracharya) की मूर्ति का लोकार्पण भी किया। स्वतंत्र भारत में यह पहला बार है, जब कोई प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल में पांचवीं बार बाबा केदार के दर्शन करने के लिए केदारनाथ धाम पहुंचे हों।
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) में बाबा केदारनाथ को लेकर अटूट श्रद्धा और लगाव है। वे अक्सर बाबा के दर्शन करने पहुंचते हैं। पीएम बनने से पहले भी मोदी बाबा केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham Visit) में दर्शन करने पहुंचते थे। पीएम बनने के बाद मोदी शुक्रवार को 5वीं बार केदारनाथ धाम पहुंचे। साल 2013 में केदारनाथ में आपदा (Uttarakhand Disaster) आई थी। इसके बाद 2014 में केंद्र में जब मोदी सरकार आई तो उन्होंने पुनर्निर्माण के कार्यों पर विशेष फोकस किया और निर्माण कार्यों के लिए बजट को कभी आड़े नहीं आने दिया। वैसे, मोदी का उत्तराखंड (Uttrakhand) से काफी पुराना रिश्ता है। वे 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के दौरान मसीहा बनकर उतरे थे। उस समय वह गुजरात (Gujrat) के मुख्यमंत्री थे। उनका उत्तराखंड में आपदा प्रभावितों के लिए योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। इतना ही नहीं, मोदी ने ही आपदा के दौरान बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए केदारनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का प्रस्ताव रखा था।
बता दें कि मोदी का एक महीने के भीतर राज्य का यह दूसरा दौरा है। प्रधानमंत्री 7 अक्टूबर को ऋषिकेश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गए थे और वहां एक ऑक्सीजन संयंत्र का उद्घाटन किया था। आज पूजा-अर्चना के बाद 250 करोड़ रुपए की केदारपुरी पुनर्निर्माण परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे। मोदी पौने चार सौ करोड़ के कार्यों का केदारनाथ में लोकापर्ण और शिलान्यास भी करेंगे। इनमें आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि के साथ ही सरस्वती और मंदाकिनी नदी के तट पर प्रोटक्शन वॉल, मंदाकिनी पर पुल का शुभांरभ, तीर्थ पुरोहितों के पांच ब्लाकों का शुभारंभ के साथ ही अन्य पुनर्निर्माण कार्य शामिल हैं।
पिछले साल कोरोना की वजह से नहीं आ सके थे मोदी
2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी कई बार केदारनाथ पहुंचे हैं। हालांकि पिछले साल कोरोनावायरस (Coronavirus) के कारण केदारनाथ नहीं आ सके थे। महामारी की स्थिति अपेक्षाकृत नियंत्रण में होने के कारण अब उनके मंदिर जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं। प्रधानमंत्री केदारपुरी पुनर्निर्माण परियोजनाओं की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। आज प्रधानमंत्री के केदारनाथ पहुंचते ही ये अटकलें खत्म हो गईं। पीएम के रूप में वे सबसे पहले 3 मई, 2017 को केदारनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे थे। इसके बाद वे 20 अक्टूबर 2017, 7 नवंबर 2018, 18 मई 2019 को धाम आए हैं। मोदी 18 मई 2019 में केदारनाथ में एक गुफा में 17 घंटे तक ध्यान भी कर चुके हैं और रात में इसी गुफा में रहे थे। अब उनकी ये केदारनाथ की पांचवी यात्रा होगी।
PM बनने के बाद 30 जून 2014 को केदारनाथ पहुंचे थे मोदी
2014 में प्रधानमंत्री की तीर्थ यात्रा को एक महत्वपूर्ण रूप में देखा गया था, क्योंकि 2013 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में मंदिर बहाल करने को लेकर उन्होंने उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से मांग की थी, जिसे ठुकरा दिया गया था। इसके बाद मोदी जब पीएम बने तो वे सबसे पहले 30 जून 2014 को केदारनाथ धाम मंदिर पहुंचे थे और मंदिर की व्यवस्थाओं और योजनाओं के बारे में जानकारी ली थी।
20 अक्टूबर 2017
प्रधानमंत्री बाबा केदारनाथ के कपाट बंद होने से एक दिन पहले 20 अक्टूबर को बाबा के धाम पहुंचे थे। वे करीब 15 मिनट मंदिर के गर्भगृह रहे और बाबा केदारनाथ की पूजा-अर्चना में बिताए थे। इसके बाद नई केदारपुरी का शिलान्यास किया था। वे आदिगुरू शंकराचार्य के समाधि स्थल, संग्राहलय समेत अगले एक साल में होने वाली 700 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया था। पीएम ने केदारनाथ धाम से लोगों को संबोधित भी किया था।
7 नवंबर 2018
प्रधानमंत्री 6 महीने में ही दूसरी बार मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे। मोदी ने मंदिर के पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की थी, जो 2013 में आई बाढ़ के कारण तबाह हो गए थे। मोदी ने जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए थे। पीएम ने हर साल की तरह 2018 में भी सेना के जवानों के संग दिवाली मनाई थी।
19 मई 2019
मोदी ने केदारनाथ के साथ बद्रीनाथ धाम की यात्रा भी की थी। इस यात्रा पर राजनीति भी तेज हुई थी, क्योंकि इस समय लोकसभा के सातवें चरण का चुनाव हो रहा था। प्रधानमंत्री का यह यात्रा उनके निजी आस्थाओं पर आधारित थी। तब प्रधानमंत्री ने पूजा-अर्चना के साथ केदारनाथ की गुफा में भी साधना की थी। उन्होंने यहां रात भी गुजारी थी। और 17 घंटे तक साधना की थी।
5 नवंबर 2021
प्रधानमंत्री दूसरे कार्यकाल में पहली बार केदारनाथ धाम पहुंचे हैं। यहां उन्होंने बाबा केदारनाथ के मंदिर में रुद्राभिषेक किया। इसके बाद आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया। इसके साथ ही समाधि स्थल का लोकार्पण किया और विकास परियोजनाओं की सौगात दी। मोदी करीब 3 घंटे से ज्यादा उत्तराखंड दौरे पर रहे। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ में 150 करोड़ रुपए की लागत से शुरू होने वाले कई प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। उन्होंने उत्तराखंड में करीब 250 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुए अलग-अलग बुनियादी ढांचों का भी उद्घाटन किया।
आज के दौरे की ये तैयारियां खास रहीं...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में जवानों के साथ दिवाली मनाई थी। इसके बाद दूसरे दिन गोवर्धन पूजा पर केदारनाथ पहुंचे। यहां पूजा-अर्चना के बाद देश को संबोधित किया। इसका प्रसारण देश के 87 प्रमुख मंदिरों और तीर्थ स्थलों पर किया गया। इन सभी मंदिरों में भाजपा शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री या प्रदेश अध्यक्ष मौजूद रहे। मोदी का देहरादून एयरपोर्ट पर उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अगवानी की। मोदी ने भगवान केदारनाथ का रुद्राभिषेक किया। इसके बाद उन्होंने आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि का अनावरण किया।
मोदी ने 80 के दशक में डेढ़ महीने साधना की थी
भगवान आशुतोष के 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगाध आस्था है। 80 के दशक में डेढ़ माह तक केदारपुरी में मंदाकिनी नदी के बाएं तरफ गरूड़चट्टी में मोदी ने करीब डेढ़ माह तक साधना की थी। तब वह हर रोज बाबा के दर्शन के लिए केदारनाथ मंदिर में पहुंचते थे। यहां पूजा-अर्चना करते थे।
ड्रोन के जरिए मॉनिटरिंग करते हैं मोदी
मोदी नियमित तौर पर केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग दिल्ली से ही ड्रोन के जरिए करते रहे हैं। पुनर्निर्माण के छोटे से छोटे कार्यों से वाकिफ होते हैं और अफसरों को उसमें बदलाव के लिए सुझाव देते हैं। 12 से ज्यादा बार वे ड्रोन के जरिए वहां के कार्यों की पड़ताल कर चुके हैं। इसके साथ बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान की मंजूरी भी पीएमओ के स्तर से फाइनल की गई है।
2013 की आपदा में मोदी के प्रयासों से मिली थी बड़ी राहत
साल 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के दौरान नरेंद्र मोदी मसीहा बनकर सामने आए थे। उस समय वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उत्तराखंड में आपदा के दौरान बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए केदारनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का प्रस्ताव मोदी ने ही रखा था। हालांकि पुनर्निर्माण के प्रस्ताव को उस समय की कांग्रेस सरकार ने स्वीकार नहीं किया था। मोदी ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण भी किया था। उन्होंने संकट के वक्त पर्यटकों और श्रद्धालुओं की मदद के लिए उत्तराखंड के लोगों की भरपूर सराहना भी की थी। क़ुदरत का कहर झेल रहे केदारनाथ धाम में उस वक्त उन्होंने फंसे 15 हजार गुजरातियों को सिर्फ एक दिन में सुरक्षित निकाल लिया था। तब हैदराबाद में आयोजित एक रैली में भी मोदी ने उत्तराखंड के दैवीय आपदा पीड़ितों की मदद के लिए 5 रुपए का टिकट लगाकर धनराशि एकत्र करने के लिए जनता से अपील भी की थी।
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