जाने-अनजाने कई बार ऐसे हादसे हो जाते हैं, जिनकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। ऐसे ही एक हादसे में 10 साल की मासूम की मौत हो गई। वो चारा मशीन की चपेट में आ गई थी। पीटर इंजन वाली(बेल्ट से चले वाली) मशीन की चपेट में आने पर बच्ची को इंजन ने इतनी फोर्स के साथ जमीन पर पटका कि उसकी गर्दन टूट गई। हादसा गांव भुच्चो कलां में हुआ।
बठिंडा, पंजाब. जाने-अनजाने कई बार ऐसे हादसे हो जाते हैं, जिनकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। ऐसे ही एक हादसे में 10 साल की मासूम की मौत हो गई। वो चारा मशीन की चपेट में आ गई थी। पीटर इंजन वाली (बेल्ट से चले वाली) मशीन की चपेट में आने पर बच्ची को इंजन ने इतनी फोर्स के साथ जमीन पर पटका कि उसकी गर्दन टूट गई। हादसा गांव भुच्चो कलां में हुआ।
पिता की आंखों के सामने मर गई बेटी
कमलजोत के पिता कुलवंत सिंह ने बताया कि वो मशीन पर हरा चारा काट रहे थे। बेटी उन्हें चारा पकड़ा रही थी। अचानक हवा के झोंके से उसकी कमीज मशीन में फंस गई। इसके बाद इंजन ने उसे घुमाकर जमीन पर फोर्स के साथ पटक दिया। इससे उसकी गर्दन की हड्डी टूट गई। आगे पढ़ें चारा मशीन से होने वाले हादसों को रोकने एक शख्स ने निकाली यह जुगाड़...
इंजीनियर नहीं तो क्या, ट्रैक्टर के पुराने टायर का और क्या इस्तेमाल हो सकता है, कोई इनसे सीखे
भिवानी, हरियाणा. जब बिजली से चलने वाली मशीन से चारा काटा जाता है, तो चारे के कण हवा में उड़ने लगते हैं। यह सिर्फ न पॉल्युशन फैलाते हैं, बल्कि सांस के जरिये चारा काटने वाले के फेफड़ों में जाकर बीमारी भी पैदा कर सकते हैं। यही नहीं, असावधानी से अगर मशीन के ब्लेड के पास आ गए, तो शरीर कटने का डर भी बना रहता है। यह खतरा सबके सामने होता है। लेकिन इस किसान ने इसका देसी जुगाड़ निकाला। आमतौर पर ऐसे जुगाड़ मैकेनिकल इंजीनियरों के दिमाग की ही उपज हो सकते हैं, लेकिन इस किसान ने खुद इसका समाधान निकाला। उसने मशीन के ब्लेड वाले हिस्से को ट्रैक्टर के पुराने टायर से कवर कर दिया। इससे अब न चारा हवा में उड़ता है और न दुर्घटना का खतरा। यह हैं बलियाली के किसान बलविंद्र। बलविंद्र अकसर कृषि मेलों में जाते रहे हैं। यहां तरह-तरह के मशीनों को देखकर उनके मन में कुछ अलग करने का विचार आता रहा। उन्होंने सबसे पहले अपने घर में यह प्रयोग किया। उनका यह देसी जुगाड़ दूसरे पशु पालकों को भी पसंद आ रहा है।