
उदयपुर (राजस्थान). उदयपुर में दो दिन पहले एक ही परिवार के छह सदस्यों की लाशें मिली हैं। परिवार के बाकि सदस्यों और आसपास के लोगों से जब पुलिस ने जांच पड़ताल और पूछताछ की तो झकझोर देने वाला खुलासा हुआ है। परिवार के मुखिया ने अपने पूरे परिवार को मौत दे दी और उसके बाद खुद की भी जान दे दी। उसे 25 नवम्बर को किश्त चुकानी थी बैंक की, लेकिन घर में तो खाने को ही कुछ नहीं था, किश्त कहां से चुकाता। बैंक वाले कोई एक्शन लेते इससे पहले ही उसने सब कुछ खत्म कर दिया।
किश्त चुकाने से पहले चुनी मौत...
दरअसल उदयपुर जिले के गोगुंदा थाना इलाके में झाड़ोली पंचायत के गोलनेड़ी गांव में यह सब कुछ हुआ। पुलिस ने बताया कि रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने बताया कि परिवार के मुखिया प्रकाश गमेती का काम कोरोना में छूट गया था। करीब डेढ़ साल से बेरोजगार था। इस दौरान परिवार का खर्च चलाने के लिए उसने मोटे ब्याज पर कर्ज देने वाली कंपनियों से लोन दिया। बताया जा रहा है कि एक लोन बैंक का भी था। इस लोन की एक किश्त जानी थी इस महीने की 25 तारीख को, यानि कल। इस किश्त के लिए तो क्या परिवार के पास खाने के लिए भी पैसा नहीं था। कुछ दिन पहले ही प्रकाश गमेती ने पत्नी के चांदी के जेवर बेचे थे। परिवार ने कई लोगों से कर्ज ले रखा था।
फंदे पर लटके थे बच्चे तो बिस्तर पर थीं पति-पत्नी की लाशें
पुलिस ने बताया कि प्रकाश गमेती ने दो दिन पहले अपने चार महीने के बच्चे गंगाराम, पत्नी दुर्गा गमेती को बिस्तर पर ही गला दबाकर मार दिया। उनकी लाशें पलंग पर मिली थीं। उसके बाद अपने तीन बच्चों गणेश, पुष्कर और रोशन को फांसी के फंदे पर लटका दिया। तीनों के शव फंदे से लटके मिले थे। प्रकाश का खुद का शव भी कमरे में फंदे से लटका हुआ था। सभी का अंतिम संस्कार पुलिस वालों ने ग्रामीणों की मदद से किया है।
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